प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को रामनवमी के मौके पर भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई। पीएम ने एक समुद्री सुरक्षा पोत को भी हरी झंडी दिखाई। उद्घाटन के समय यह पोत पंबन पुल के नीचे से गुजरा।
इस पुल से रामेश्वरम के पवित्र और आध्यात्मिक स्थल तक पहुंचने में लोगों को सुविधा होगी। यहां हर साल देश भर से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। 550 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बना यह भारत का पहला 'वर्टिकल सी-लिफ्ट' पुल है। पुल की लंबाई लगभग 2.08 किलोमीटर है।
पुल को 17 मीटर तक उठाया जा सकता है
पुल में 99 स्पैन और 72.5 मीटर लंबा 'वर्टिकल लिफ्ट स्पैन' है, जिसे 17 मीटर तक उठाया जा सकता है। इससे बड़े जहाजों को आसानी से एक तरफ से दूसरी तरफ तक बिना रोक के ले जाया जा सकता है। जहाजों के आने-जाने से ट्रेन संचालन में कोई रुकावट नहीं होगी।
पेंट नहीं खराब होने देगा पुल
पुल में स्टेनलेस स्टील और उच्च श्रेणी के पेंट का इस्तेमाल किया गया है। इसमें पूरी तरह से वेल्डिंग किए हुए जोड़ हैं, जिससे पुल के रखरखाव की जरूरतें कम होंगी और इसकी मजबूती बढ़ेगी। इसकी नींव 333 ‘पाइल’ और 101 ‘पियर/पाइल कैप’ पर टिकी है। साथ ही इसे डबल रेल पटरियों और भविष्य के विस्तार को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव रहे मौजूद
‘पॉलीसिलोक्सेन’ पेंट का इस्तेमाल इसे पुल में जंग लगने से बचाएगा, जिससे समुद्री वातावरण में भी पुल की लंबी उम्र बनी रहेगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि, राज्य के वित्त मंत्री थंगम थेनारासु और अन्य लोग इस मौके पर मौजूद रहे।
इसके अलावा राज्यपाल रवि, थेनारासु, केंद्रीय राज्य मंत्री एल मुरुगन, भाजपा की तमिलनाडु इकाई के प्रमुख के. अन्नामलाई, एच राजा और वनथी श्रीनिवासन समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने श्रीलंका से आने पर मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया।