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मनीष सिसोदिया के बयान पर पंजाब में सियासी बखेड़ा, उठी कार्रवाई की मांग

आम आदमी पार्टी (AAP) के पंजाब प्रभारी और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के वायरल वीडियो को लेकर राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है।

Manish Sisodia

मनीष सिसोदिया। Photo Credit (@msisodia)

आम आदमी पार्टी (AAP) के पंजाब प्रभारी और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के वायरल वीडियो को लेकर राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। वायरल वीडियो में आप के वरिष्ठ नेता सिसोदिया यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि 2027 के विधानसभा चुनावों में पार्टी साम, दाम, दंड, जो कुछ भी करना होगा करेगी। अपने इस बयान को लेकर मनीष सिसोदिया पंजाब में विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं। बीजेपी, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने उनके इस बयान को संबंध में चुनाव आयोग से शिकायत की है।

 

बीजेपी पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इस मामले में सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। विपक्षी दलों ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री पर 'किसी भी तरह' चुनाव जीतने की वकालत करने और 'अलोकतांत्रिक तरीकों को बढ़ावा देने' का आरोप लगाया है। 

 

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13 अगस्त को दिया बयान

विपक्षी नेताओं ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो क्लिप भी पोस्ट किया, जिसमें 13 अगस्त को आप की महिला इकाई के नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सिसोदिया को यह कहते हुए सुना गया है कि '2027 के चुनाव जीतने के लिए साम, दाम, दंड, भेद, सच, झूठ, सवाल, जवाब, लड़ाई, झगड़ा, जो करना पड़ेगा, करेंगे। तैयार हैं?' पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।

 

सुनील जाखड़ ने आयोग को लिखा पत्र

सुनील जाखड़ ने शनिवार को चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया कि वीडियो में आप नेता किसी भी तरह चुनाव जीतने की वकालत कर रहे हैं, जिससे अलोकतांत्रिक तरीकों को बढ़ावा मिल रहा है और कानून का उल्लंघन हो रहा है। जाखड़ ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस से पहले, सिसोदिया ने एक भाषण दिया जिसमें उन्होंने 2027 पंजाब चुनाव जीतने के लिए 'साम, दाम, दंड, भेद ...' का इस्तेमाल करने का उल्लेख किया। बीजेपी नेता ने कहा, 'ये बयान पंजाब की शांति, विकास और समृद्धि के लिए खतरा हैं। ये भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने, मतदाताओं को धमकाने, शत्रुता भड़काने और सार्वजनिक शांति भंग करने की आप की स्पष्ट मंशा का सबूत हैं।'

 

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जांच शुरू करने की अपील

जाखड़ ने कहा, 'ये कृत्य जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत गंभीर अपराध, (भारतीय न्याय संहिता की) धारा 123(1) के तहत रिश्वतखोरी, धारा 123(2) के तहत अनुचित प्रभाव डालने और धारा 123(3ए) के तहत दुश्मनी को बढ़ावा देने वाला है।' उन्होंने पत्र में कहा कि इस तरह के व्यवहार को 'भ्रष्ट आचरण' माना जाता है और इसके लिए उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। बीजेपी नेता ने चुनाव आयोग से मामले का तत्काल संज्ञान लेने, त्वरित जांच शुरू करने की अपील की।

 

अकाली दल और कांग्रेस भी हमलावर

वहीं, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी चुनाव आयोग से सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की। बादल ने कहा कि सिसोदिया का बयान आप कार्यकर्ताओं को '2027 के विधानसभा चुनाव जीतने के लिए झूठ, झूठे वादे, मतदाताओं को प्रलोभन देने और यहां तक कि हिंसा' करने के लिए प्रोत्साहित करती है। 

 

बादल ने कहा, 'चुनाव आयोग से अनुरोध है कि वह सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दे, क्योंकि AAP नीत सरकार द्वारा कोई कार्रवाई करने की संभावना नहीं है। जब सिसोदिया ने भड़काऊ टिप्पणी की, तब मुख्यमंत्री भगवंत मान भी श्रोताओं में शामिल थे।'

 

कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी सिसोदिया पर निशाना साधा। बाजवा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'जब सिसोसिया खुले तौर पर घोषणा करते हैं कि वे 2027 का चुनाव किसी भी कीमत पर जीतने के लिए 'साम, दाम, दंड, भेद, सच, झूठ और यहां तक कि हिंसा' का इस्तेमाल करेंगे, तो यह कोई रणनीति नहीं- यह लोकतंत्र को नष्ट करने के इरादे की स्वीकारोक्ति है।'

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