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पोलाची केस: गैंगरेप, ब्लैकमेलिंग, MMS, इंसाफ मिलने में 10 साल कैसे लगे

तमिलनाडु में साल 2019 में सामने आए सीरीयल गैंगरेप मामले में पीडितों को न्याय मिल गया है। कोर्ट ने सभी दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। पढ़िए, कैसे इन दरिंदों ने महिलओं को अपना शिकार बनाया था।

representational image of a court room

सांकेतिक तस्वीर, Photo credit: AI

न्याय के लिए  6 साल के लंबे इंतजार के बाद तमिलनाडु  के पोलाची की 8 महिलाओं को न्याय मिल गया है। यह न्याय संभव हो सका है एक 19 साल की लड़की के कारण। इस लड़की ने आवाज उठाई जिसकी वजह से आज इन 8 महिलाओं को न्याय मिल पाया है। साल 2019 की शुरुआत में सामने आए तमिलनाडु गैंगरेप मामले में अपराधियों को अब सारी उम्र जेल में बितानी होगी। लगभग 6 साल पहले हुए इस सीरीयल गैंगरेप मामले में कोर्ट ने 9 अपराधियों को उम्र कैद की सजा सुना दी है। 

 

साल 2019 में तमिलनाडु में यौन उत्पीड़न और बलैकमेलिंग के एक रैकेट का भांडाफोड़ हुआ था। इस केस में महिलाओं के साथ पहले तो रेप किया गया उसके बाद उनके आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाने लगा। यह घटना किसी एक महिला के साथ नहीं बल्कि 9 महिलाओं के साथ हुई। दोषियों का एक रैकेट था जो इन घटनाओं को अंजाम देता था। इसी मामले में कोयंबटूर के एक कोर्ट ने 13 मई को 9 लोगों को दोषी ठहारते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। अब अंतिम सांस तक इस घटना के सभी दोषियों को जेल में ही रहना होगा। साथ ही कोर्ट ने पीड़िताओं को मुआवजे के रूप में 85 लाख रुपए देने के लिए कहा है। 

 

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क्या है पूरा मामला?


यह मामला उस समय आया जब देश 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों में लगा था। चुनाव से कुछ ही समय पहले तमिलनाडु के पोलाची में एक सीरियल रेप का मामला सामने आता है। एक रैकेट ने महिलाओं के साथ गैंगरेप किया और उनके अश्लील वीडियो भी बनाए। गैंगरेप से महिलाओं की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने के बाद भी दरिंदे नहीं रूके और वह महिलाओं को ब्लैकमेल करने लगे। महिलओं के साथ गैंगरेप, ब्लैकमेल और वसूली का यह रैकेट लंबे समय तक चलता रहा। वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर दरिदें महिलाओं को यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करते थे। इसके अलावा वह महिलाओं से पैसा भी वसूल करते। इस रैकेट की जानकारी दुनिया को तब मिली जब एक 19 साल की लड़की ने इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई। 

 

19 साल की छात्रा ने किया भांडाफोड़


इस रैकेट से पीडित महिलाएं डर के कारण इस अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रही थी। इस रैकेट का भांडाफोड़ एक 19 साल की लड़की ने किया। पोलाची में रहने वाली 19 साल की कॉलेज छात्रा को उसका एक जानकार सबरीबाज कुछ जरूरी बात करने की बात कहकर मिलने के लिए पोलाची बस स्टॉप बुलाया। दोपहर के समय जब लड़की उस बस स्टॉप पर पहुंची तो सबरीराजन एक कार लिए वहां पहले से खड़ा था। साथ में उसका एक दोस्त थिरुनावुक्कारासु भी था। दोनों ने लड़की से कहा कि वह कार में बैठ जाए और रास्ते में वे लोग बात कर लेंगे। दोनों पर भरोसा करके लड़की कार में बैठ गई और थिरुनावुक्कारासु कार चलाने लगा। सबरीराजन बात करने के बहाने पीछे की सीट पर लड़की के साथ बैठ गया। थोड़ी दूर पहुंचते ही अचानक से सतीश और वसंत कुमार नाम के दो और लोग उस कार में चढ़ गए।

 

 चारों ने मिलकर लड़की के साथ जबरदस्ती की और लड़की के कपड़े फाड़े । लकड़ी के विरोध करने पर उन्होंने लड़की के साथ मारपीट भी की। उन चारों दरिंदो ने लड़की का अश्लील वीडियो बना लिया और इसके बाद लड़की को यौन संबंध बनाने के लिए धमकाने लगे। इतना ही नहीं आरोपियों ने लड़की के गले से गोल्ड चेन भी छीन ली और उससे पैसे मांगे। मांग पूरी नहीं करने पर उसके वीडियो को वायरल करने की धमकी देने लगे। लड़की जब चीखने चिल्लाने लगी तो आरोपी उसे बीच में छोड़कर फरार हो गए। इसी घटना के बाद सीरियल गैंगरेप मामले का खुलासा हुआ। लड़की ने साहस दिखाते हुए इस मामले की शिकायत की और 12 फरवरी 2019 को यह घिनौना मामला देश के सामने आया। जब जांच हुई तो पता चला कि ये आरोपी उससे पहले भी कई लड़कियों को अपना शिकार बना चुके हैं।

 

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लड़की ने पुलिस से मांगी मदद

 

अपने साथ हुई इस घटना के बाद लड़की ने अपने परिवार संग मिल यौन उत्पीड़न और उसके साथ हुई लूट की शिकायत पोलाची पुलिस से की। इसके बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को दबौच लिया। जांच के दौरान थिरुनावुक्कारासु और सबरीराजन के फोन से तीन और महिलाओं के अश्लील वीडियो मिले। तमिलनाडु पुलिस ने महिला यौन उत्पीड़न निषेध अधिनियम की धारा 4 के तहत सबरीराजन, थिरुनावुक्कारासु, सतीश और वसंतकुमार के खिलाफ कई संगीन धाराओं में केस दर्ज कर लिया। 

 

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि इन आरोपियों का एक पूरा रैकेट महिलाओं के साथ घिनौने अपराध करने में लगा था। आरोपी सबरीराजन महिलाओं को अपना शिकार बनाने के लिए किसी एकांत जगह या फिर होटल में ले जाता था। वह या तो इन महिलाओं के साथ जबरदस्ती करता था या फिर उसको अपने जाल में फंसाकर राजी कर लेता था। जब वह महिलाओं के साथ अश्लील हरकतें करता तो इस दौरान उसके दोस्त छिपकर उसकी हर एक हरकत को कैमरे में कैद कर लेते थे। उसके कुछ दोस्त तो पीड़ित को उसके चंगुल से बचाने का नाटक भी करते थे और उसके बाद वह भी लड़कियों का शोषण करते थे। यह दरिंदे लड़कियों को वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उन सब के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करते। 

 

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कई महिलाओं को बना चुके थे शिकार


पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो पता चला कि इन लोगों ने साल 2016 से 2018 के बीच कई महिलाओं और लड़कियों को अपना शिकार बनाया और उनको ब्लैकमेल भी किया। लड़की ने साहस दिखाकर इन दरिंदो की शिकायत की तो पुलिस ने साल 2019 में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद से ये सभी जेल में बंद थे और इन सभी पर यौन उत्पीड़न, रेप, गैंगरेप, आपराधिक साजिश और एक ही महिला से बार-बार रेप करने समेत कई गंभीर आरोपों में मुकदमा लाया गया था। 

 

मामला इतना गंभीर था कि इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई ने इस मामले में जांच शुरू की जिसके बाद इस मामले में पांच और लोगों को भी आरोपी बनाया था। सभी 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन 9 आरोपियों खासकर थिरुनावुक्कारासु के मोबाइल फोन और सबरीराजन के लैपटॉप से जांच एजेंसी को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से यौन उत्पीड़न, महिलाओं की अश्लील वीडियो और वेबसाइट से डाउनलोड पोर्न वीडियो भी मिले।

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