समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर सनसनीखेज आरोप लगाया है। चिट्ठी में पूजा पाल ने अपनी हत्या की आशंका जताई है। उन्होंने कहा है कि अगर उनके साथ कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को जिम्मेदार माना जाए।
पूजा पाल ने लिखा, 'यह संभव है कि मेरे पति की तरह मेरी भी हत्या कर दी जाए। यदि ऐसा होता है, तो मैं सरकार और प्रशासन से मांग करती हूं कि मेरी हत्या का वास्तविक दोषी समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव को माना जाए।'
पूजा पाल ने लिखा, 'मैं विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करके दो बार विधायक बनी। बिना समाजवादी पार्टी के सहयोग के, किंतु मेरे पति के हत्यारों को पहले की सरकारों द्वारा संरक्षण दिया जाता रहा है। आपके आने के बाद हमें कुछ आपके व्यवहार से ऐसा लगा कि अपराधियों के विरुद्ध आप हम जैसे पिछड़े और गरीब लोगों को भी न्याय दिला सकते हैं।'
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'सपा में दलित, पिछड़े, ओबीसी दोयम दर्जे के नागरिक'
पूजा पाल ने लिखा, 'मैंने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं के कहने से पार्टी की सदस्यता ली और तीसरी बार चुनाव लड़ी। तीसरी बार विधायक बनी। जब मैं विधायक होकर काम करने लगी तो मुझे एहास हुआ कि यहां पिछड़े, अति पिछड़े, दलित सब दूसरे दर्जे के नागरिक हैं। पहले दर्जे के नागरिक तो मुस्लिम ही हैं।'
पूजा पाल:-
पहले दर्जे के नागरिक मुस्लिम हैं। वह चाहे जितने भी बड़े अपराधी हों, उनका सम्मान देना, उनको ताकत देना, उनकी शक्ति बढ़ाना समजावादी पार्टी की पहली प्राथमिकता है। मैंने बहुत कोशिश की आप हमारे पति के हत्यारों को उनके किए की सजा दिलाएंगे लेकिन यूपी में कोशिशों के बाद भी सिर्फ निराशा हाथ लगी।
'बीजेपी में हर अपराधी पाता है सजा'
पूजा पाल ने लिखा, 'भारतीय जनता पार्टी में चाहे जितना बड़ा अपराधी हो, उसे सजा दी जाती है। ऐसा एहसास हमको होने लगा, जिसका परिणाम हम और पूरे उत्तर प्रदेश के लोगों ने देखा, जब मेरे पति के हत्यारे और उनके परिवारवालों को दंड मिला तो समाजवादी पार्टी और सैफई परिवार के प्रत्येक सदस्य ने मेरे पति के हत्यारे के पक्ष में सदन से सड़क तक आवाज बुलंद की, इसकी वजह से मेरा भरोसा आपकी नीतियों से उठ गया।'
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सपा से क्यों निकाली गईं पूजा पाल?
पूजा पाल ने यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र में योगी आदित्यनाथ सरकार की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने योगी सरकार की कानून व्यवस्था को दुरुस्त कहा था, माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि राजू पाल के हत्यारों को असली सजा योगी सरकार ने दी। समाजवादी पार्टी ने इसे पार्टी लाइन के खिलाफ माना और इसे घोर अनुशासनहीनता करार दिया। पूजा पाल को 14 अगस्त 2025 को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
पहले भी दिखा चुकी हैं बगावती तेवर
पूजा पाल ने साल 2024 के राज्यसभा चुनाव में सपा के खिलाफ क्रॉस वोटिंग की थी। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी का समर्थन किया था। सपा की तरफ से कहा गया कि यह पहली गलती थी। उन्हें पार्टी ने सुधार का मौका दिया था। जब दोबारा योगी सरकार की तारीफ की तो उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया। पूजा पाल ने दावा किया कि उन्हें योगी की तारीफ के लिए नहीं, बल्कि अतीक अहमद को माफिया कहने की वजह से निकाला गया है।