संभल हिंसा के लगभग 10 महीने बाद जांच आयोग ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में 2024 में हुई हिंसा के अलावा संभल के पिछले दंगों का भी जिक्र है। 450 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में पैनल ने संभल की डेमोग्राफी में आए बदलाव का भी उल्लेख किया। कभी संभल में हिंदुओं की आबादी लगभग 45 फीसदी थी। मगर मौजूदा समय में इसमें बड़ी गिरावट देखने को मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक 1947 से अब तक संभल में 15 दंगे हो चुके हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक आजादी के वक्त संभल नगर पालिका इलाके में हिंदुओं की आबादी 45 फीसदी थी। मगर अब संख्या घटकर सिर्फ 15 फीसदी रह गई है। दूसरी तरफ 1947 में मुस्लिम आबादी 55% थी। अब यहां मुस्लिम समुदाय की आबादी 85% तक पहुंच गई है।
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बता दें कि पिछले साल नवंबर में हिंसा के बाद यूपी सरकार ने एक तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। इसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा, पूर्व डीजीपी एके जैन और पूर्व आईएएस अमित मोहन प्रसाद को शामिल किया गया था।
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अदालत के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम 24 नवंबर 2024 को संभल स्थित शाही जामा मस्जिद में सर्वे करने पहुंची थी। इसी दौरान भड़की हिंसा में 4 लोगों की जान गई थी। पुलिस अधिकारी समेत कई स्थानीय लोग घायल भी हुए थे। हिंसा मामले में पुलिस ने 12 एफआईआर दर्ज की। 80 लोगों को गिरफ्तार किया। एसआईटी ने चार हजार पन्नों से अधिक की रिपोर्ट दाखिल की और आरोप पत्र में 159 लोगों को आरोपी बनाया गया। जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि हिंसा में विदेशी हथियारों का इस्तेमाल किया गया था।