जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि बिहार पीएससी की भर्ती में हजारों करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है।
प्रशांत किशोर ने कहा, 'मेरी मांगों में परीक्षा रद्द करना और फिर से परीक्षा आयोजित करना शामिल है। मैं उन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग करता हूं, जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षाओं के जरिए भरे जाने वाले पदों को बेचा।'
किशोर का अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान
उन्होंने पहले चेतावनी दी थी कि जब तक कि छात्रों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक वह 2 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठेंगे। सोमवार को प्रदर्शनकारी छात्रों के एक ग्रुप और मुख्य सचिव अमृत लाल मीना के साथ बैठक करने के बाद किशोर ने कहा था कि अगर नीतीश कुमार सरकार पेपर लीक को लेकर कार्रवाई नहीं करती है तो वह विरोध-प्रदर्शन को बढ़ाने से पहले 48 घंटे तक इंतजार करेंगे।
प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग
बता दें कि बीपीएससी पेपर लीक होने के आरोपों के चलते छात्र प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हजारों छात्र पटना की सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच दो सप्ताह से चल रहे आंदोलन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक भी शब्द बोलने नहीं बोलने को लेकर प्रशांत किशोर ने निराशा जताई।
सीएम नीतीश पर तीखा हमला करते हुए किशोर ने कहा कि एक तरफ हजारों अभ्यर्थी कड़ाके की ठंड में लाठीचार्ज और वाटर कैनन का सामना कर रहे हैं और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री दिल्ली में मस्ती कर रहे थे।