पंजाब की सियासत में इस वक्त जबरदस्त हलचल मची हुई है। शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने सोशल मीडिया पर कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें शेयर की हैं और दावा किया है कि इनमें नजर आ रहे शख्स पंजाब सरकार के मंत्री डॉ. रवजोत सिंह हैं। इन तस्वीरों में वह एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखाई दे रहे हैं।
मजीठिया ने पोस्ट में लिखा कि यह सरकार के एक और मंत्री का गंदा चेहरा है। उन्होंने इसे 'सेल्फी कांड' कहा और सीधे-सीधे मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल से मांग की कि इस मंत्री को पार्टी से बाहर निकाला जाए। मजीठिया ने यह भी कहा कि उनके पास इस मामले का वीडियो भी है, जिसे वह जल्द जारी करेंगे। खास बात यह है कि यह मामला उस वक्त सामने आया है जब 19 जून को लुधियाना पश्चिम सीट पर उपचुनाव होना है।
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रवजोत सिंह का जवाब
इस पूरे मामले पर मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने भी सोशल मीडिया पर अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा कि कुछ नेता उनकी पुरानी निजी तस्वीरों को उनकी पूर्व पत्नी के साथ एआई तकनीक से एडिट कर वायरल कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब लुधियाना उपचुनाव से ठीक पहले किया गया है, ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मामले में FIR करवाएंगे और मानहानि का केस भी दर्ज करेंगे। रवजोत ने इसे न सिर्फ उनकी, बल्कि महिलाओं की गरिमा पर हमला बताया और कहा कि विपक्षी नेताओं की यह हरकत उनकी मानसिकता को दिखाती है। उन्होंने इसे जातीय और राजनीतिक साजिश बताया, क्योंकि वह दलित समुदाय से आते हैं और जनता ने उन्हें भ्रष्ट नेताओं को हराकर चुना है।
रवजोत ने लोगों से की अपील
रवजोत सिंह ने जनता से अपील की कि वह आम आदमी पार्टी पर भरोसा बनाए रखें और ऐसे झूठे प्रचार से सावधान रहें। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी साफ-सुथरी और जनसेवा वाली राजनीति करती है और आगे भी करती रहेगी।
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कौन हैं डॉ. रवजोत सिंह?
डॉ. रवजोत सिंह इस समय पंजाब सरकार में स्थानीय निकाय और संसदीय कार्य मंत्री हैं। वह पेशे से डॉक्टर हैं और 2014 में आम आदमी पार्टी से राजनीति में आए थे। 2017 में उन्होंने शाम चौरासी से विधानसभा चुनाव लड़ा था और 42 हजार से ज्यादा वोट मिले लेकिन वह कांग्रेस के पवन अदिया से हार गए थे।
2019 में उन्होंने होशियारपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन वहां भी उन्हें हार मिली। 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने वापसी की और शाम चौरासी सीट से 21 हजार से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की। इसके बाद उन्हें पंजाब सरकार में मंत्री बनाया गया।