कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी आज बिहार दौरे पर हैं। राहुल गांधी बेगूसराय में ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा में शामिल होंगे। बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि राहुल गांधी दो अन्य कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे। राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर एक मिनट का वीडियो मैसेज शेयर किया है जिसमें उन्होंने बिहार के युवाओं से सफेद टी-शर्ट पहनकर मार्च में शामिल होने का आग्रह किया है। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और इन चुनावों के मद्देनजर राहुल गांधी की यह यात्रा अहम मानी जा रही है।
राहुल गांधी ने अपने वीडियो में कहा है, ‘हमारा उद्देश्य बिहार के युवाओं की दुर्दशा की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित करना है। ये युवा देख रहे हैं कि सरकारी नौकरियां दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही हैं और निजीकरण से कोई लाभ नहीं हो रहा। अपने अधिकारों के लिए सरकार पर दबाव बनाने और उसे (सत्ता से) हटाने के लिए आवाज उठाएं।’
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कन्हैया कुमार को मिला राहुल का साथ
कन्हैया कुमार पिछले महीने से बिहार कांग्रेस की ‘पलायन रोको, नौकरी दो’यात्रा पर हैं और इसी यात्रा में आज राहुल गांधी बेगूसराय में शामिल होंगे। बेगूसराय, कन्हैया कुमार का गृह जिला है जहां से वह 2019 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के टिकट पर गिरिराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस युवाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में है। यही वजह है कि युवा नेता और छात्र संघठनों से जुड़े रहे कन्हैया कुमार को जिम्मेदारी दी गई है। कन्हैया कुमार मौजूदा समय में NSUI के प्रभारी भी हैं। NSUI कांग्रेस का छात्र संगठन है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर तंज कसते कहा है-
राहुल पहले यह आंकड़ा दें कि 60 साल कांग्रेस ने इस देश में राज किया और कितनों को रोजगार दिया? 60 साल के राज में कांग्रेस के पास बताने के लिए कुछ नहीं है। उनके कारनामों को पीएम नरेंद्र मोदी ने भरने का काम किया है। आज देश में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ चुके हैं। मोदीजी ने लोगों को सबल बनाया। राहुल गांधी को प्रायश्चित करना चाहिए। इसके लिए उनको बेगूसराय के सिमरिया धाम जाकर गंगा जी से माफी मांगनी चाहिए।
विधानसभा चुनाव की तैयारी
बिहार में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर हैं। इस चुनाव में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और वामपंथी दलों का महागठबंधन का मुकाबला सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से होगा, जिसमें बीजेपी, जद (यू) समेत कई अन्य दल शामिल हैं। राहुल गांधी की यह यात्रा न सिर्फ युवाओं को साधने की रणनीति है, बल्कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की भी एक कोशिश मानी जा रही है। हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे अहम राज्यों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस को बिहार से बहुत उम्मीदें हैं। जनवरी के बाद से राहुल गांधी का बिहार का यह तीसरा दौरा है।
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पिछले चुनावों में क्या थी स्थिति?
2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनावों में 243 सीटों वाले बिहार में एनडीए को 125 सीटों पर जीत मिली थी। महागठबंधन को बिहार में 110 सीटों पर जीत मिली थी। 75 सीटों के साथ आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनी लेकिन सरकार बनाने से चूक गई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 74 सीटें हासिल हुई थीं, जबकि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को 43 सीटें मिली थीं। इसके अलावा विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को 4 सीटें हासिल हुई थीं। दूसरी तरफ महागठबंधन में आरजेडी को सबसे ज्यादा 75 सीटें, कांग्रेस को 19 सीटें, वाम दलों (सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई-एमएल) को 16 सीटें मिली थीं। वहीं, अन्य दलों में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) को 1 सीट और एआईएमआईएम को पांच सीटें मिली थीं। बसपा को एक और 1 निर्दलीय प्रत्याशी की भी जीत हुई थी। बिहार में इस साल नवंबर के महीने में चुनाव हो सकते हैं।