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राजस्थान: हाईटेंशन तार की चपेट में आई मजदूरों से भरी बस, कई लोगों की मौत

राजस्थान में 28 अक्टूबर 2025 के दिन सुबह के समय एक बड़ा बस हादसा हुआ है। मजदूरों से भरी बस सड़क किनारे लगे हाईटेंशन तार के संपर्क में आने से बुरी तरह से आग के चपेट में आ गई।

Rajasthan bus incident

राजस्थान बस हादसे की तस्वीर: Photo Credit: X handle/ People's Update

राजस्थान के जयपुर जिले में 28 अगस्त को मंगलवार की सुबह एक बड़ा हादसा हो गया, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। मनोहरपुर इलाके में मजदूरों से भरी एक बस हाईटेंशन बिजली लाइन के संपर्क में आने से आग की लपटों में घिर गई। कुछ ही पलों में बस आग के गोले में बदल गई और चीख-पुकार मच गई। हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दस से ज्यादा लोग गंभीर रूप से झुलस गए। कई घायलों की हालत नाजुक बताई जा रही है और उन्हें जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

 

हादसा उस समय हुआ जब बस मजदूरों को लेकर टोडी गांव स्थित ईंट भट्ठे की ओर जा रही थी। रास्ते में बस का ऊपरी हिस्सा सड़क किनारे से गुजर रही हाईटेंशन लाइन से छू गया, जिसके बाद चिंगारियां उठीं और देखते ही देखते आग फैल गई। बस में सवार लोग बचने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कुछ मजदूर खिड़कियों और दरवाजों से कूदकर बाहर निकले, जबकि कई अंदर फंस गए।

 

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हादसा कैसे हुआ?

जानकारी के अनुसार, बस मजदूरों को लेकर टोडी के पास स्थित ईंट भट्ठे की ओर जा रही थी। रास्ते में बस का ऊपरी हिस्सा सड़क के किनारे से गुजर रही हाईटेंशन लाइन से टकरा गया। जैसे ही बस बिजली की तारों से टच हुई, तुरंत चिंगारियां निकलने लगी और कुछ ही देर में बस आग की लपटों में घिर गई।

 

बस में बैठे मजदूरों में भगदड़ मच गई। कुछ लोग अंदर ही फंस गए जबकि कई लोगों ने खिड़कियों और पिछले दरवाजे से कूदकर अपनी जान बचाई। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने बहादुरी दिखाते हुए बस के दरवाजे तोड़े और घायलों को बाहर निकाला।

 

स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को खबर दी। थोड़ी देर बाद दमकल की गाड़ियां और पुलिस मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया गया। जयपुर जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी और सिविल डिफेंस की टीम ने मौके का निरीक्षण किया। एसएमएस अस्पताल प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है, जिससे घायलों का तुरंत इलाज किया जा सके।

 

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घायलों का इलाज जारी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई मजदूर 60 से 80 फीसदी तक झुलस चुके हैं। सभी को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया है और डॉक्टरों की टीमें लगातार इलाज में जुटी हैं। मृतकों की पहचान अभी नहीं हो सकी है। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

 

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह हाईटेंशन लाइन कई वर्षों से सड़क के बेहद करीब से गुजर रही है। उन्होंने प्रशासन और बिजली विभाग से इसे हटाने की बार-बार मांग की थी लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा कि यही इस हादसे की बड़ी वजह है।


पिछले दो हफ्तों में यह देश का पांचवां बड़ा बस हादसा है। इससे पहले उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में भी ऐसे ही हादसों में कई लोगों की जान जा चुकी है। लगातार हो रहे इन हादसों ने सड़क और बिजली सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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