राजस्थान के चुरू में बुधवार को वायुसेना का एक जगुआर लड़ाकू विमान क्रैश हो गया था। इस दुर्घटना में विमान में स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह सिंधू और फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषि राज सिंह शहीद हो गए थे। स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह हरियाणा के रोहतक के रहने वाले थे। वह पिछले महीने ही पिता बने थे। 30 जून को ही उन्होंने फिर से ड्यूटी जॉइन की थी।
स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह रोहतक के खेरी साढ़ गांव के रहने वाले थे। उनकी पत्नी सुरभि सिंधू पेशे से डॉक्टर हैं। बीती 10 जून को ही उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया था। जिस वक्त चुरू में लड़ाकू विमान क्रैश हुआ था, उस वक्त उनकी पत्नी हिसार में अपने पैतृक गांव में थीं।
30 जून को ही ड्यूटी पर लौटे थे
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र सिंह के परिवार वालों ने बताया है कि पिता बनने के बाद 30 जून को ही उन्होंने ड्यूटी जॉइन की थी।
उनके पिता जोगिंदर सिंह महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से 2023 में सुपरिंटेंडेंट के पद से रिटायर हुए थे। उनकी मां एक स्कूल टीचर हैं। उनके बड़े भाई एक मल्टी नेशनल कंपनी में काम करते हैं।
लोकेंद्र सिंह अपने परिवार से वायुसेना में जाने वाली इकलौते सदस्य नहीं हैं। उनकी बहन अंशी ने हाल ही में वायुसेना में अपनी सर्विस पूरी की है। अंशी ने शॉर्ट सर्विस कमिशन के तहत वायुसेना जॉइन की थी। उनके पति विंग कमांडर हैं।
यह भी पढ़ें-- पुल हादसाः 'मारो डिकरो डूबी गयो', चीखती रही महिला; पति-बच्चों की मौत
आखिरी बार पिता को किया था फोन
चुरु में जगुआर के ट्रेनर विमान को उड़ाने से पहले लोकेंद्र ने अपने पिता से बात की थी। उनके बड़े भाई ज्ञानेंद्र ने बताया कि लोकेंद्र ने सुबह पिता को फोन लगाया था। लोकेंद्र ने फैमिली वॉट्सऐप ग्रुप पर अपने बेटे की एक तस्वीर भी शेयर की थी।
पिता जोगिंदर ने बताया कि लोकेंद्र बचपन से ही 'होनहार छात्र' था। आसमान छूने का सपना देखा करता था। वह वायुसेना में पायलट बनना चाहता था। उन्होंने कहा, 'लोकेंद्र ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के कैंपस स्कूल से स्कूली पढ़ाई पूरी की है। 2011 में उन्होंने वायुसेना जॉइन की थी। वह राजस्थान के सूरतगढ़ में तैनात थे।'
मार्च से अब तक तीन जगुआर क्रैश
चुरू में बुधवार दोपहर 12:40 बजे वायुसेना का जगुआर विमान क्रैश हो गया था। बताया जा रहा है कि तेज धमाके के साथ यह विमान क्रैश हो गया था। क्रैश होने के बाद विमान 200 मीटर तक घसीटता चला गया और इसमें आग लग गई। क्रैशिंग साइट के 500 मीटर के दायरे में विमान का मलबा फैल गया था।
मार्च के बाद से यह तीसरा जगुआर है, जो क्रैश हुआ। इससे पहले 2 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में जगुआर क्रैश हो गया था, जिसमें फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए थे। हालांकि, दूसरे पायलट की जान बच गई थी। इससे भी पहले 7 मार्च को हरियाणा के पंचकूला में ट्रेनी जगुआर क्रैश हो गया था। इस हादसे में दोनों पायलट सुरक्षित बच गए थे।