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राजस्थान: 2021 की SI भर्ती परीक्षा रद्द, हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला

राजस्थान हाई कोर्ट ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने की मांग वाली याचिका की सुनवाई में अपना फैसला सुनाते हुए याचिकाकर्ताओं के पक्ष में अपना फैसला सुनाया है। यह मामला कोर्ट में 1 साल से पेंडिंग था।

Rajasthan High Court

राजस्थान हाई कोर्ट, Pic Credit- Official Website of Rajasthan HC

राजस्थान हाई कोर्ट ने पेपर लीक के मद्देनजर विवादास्पद ‘सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती परीक्षा-2021’ रद्द कर दी है। जज समीर जैन की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाते हुए 2021 की इस भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने अपना फैसला 14 अगस्त के लिए सुरक्षित रखा था जो अब सुनाया गया है। यह मामला कोर्ट में 1 साल से लंबित था।

 

13 अगस्त 2024 को कुछ अभ्यर्थियों ने इस भर्ती परीक्षा को कैंसिल करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। उन्होंने परीक्षा में पेपर लीक और अनियमितताओं का आरोप लगाया था। इसके साथ ही सिंगल बेंच ने भर्ती परीक्षा घोटाले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्यों के आचरण, उनकी सहभागिता और इसे आरपीएससी के कामकाज के खिलाफ जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करने सहित सभी बिंदुओं को खंडपीठ को भेज दिया है। आरपीएससी ने 2021 में पुलिस उपनिरीक्षक और प्लाटून कमांडर के 859 पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। 

 

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अदालत में याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मेजर आर.पी. सिंह ने कहा, 'भर्ती प्रक्रिया में धोखाधड़ी साफ तौर पर द‍िख रही थी। आश्चर्य है कि राज्य सरकार ने इस विषय पर न तो कोई कार्रवाई की, न ही कोई निर्णय लिया। उम्मीद है कि अदालत का यह फैसला युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले गिरोहों के लिए एक सबक के रूप में काम करेगा।' 


राज्य सरकार का रुख


भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार ने इस परीक्षा को रद्द नहीं करने का रुख अदालत के सामने अपनाया था जबकि 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान यह उसके लिए बड़ा राजनीत‍िक मुद्दा था। भर्ती परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने के आरोप सामने आए, जिसके बाद सरकार ने मामले की जांच राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) को सौंप दी। पेपर लीक में शामिल अन्य लोगों के अलावा 50 से ज्यादा एसआई को गिरफ्तार किया गया है। राज्य मंत्रिमंडल की एक उप-समिति ने उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट में एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द न करने की सिफारिश की थी। 

 

किरोड़ी लाल मीणा ने अदालत के फैसले का स्वागत किया

 

कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, 'यह संघर्ष की जीत है, यह सच की जीत है। अदालत के फैसले से मैं खुश हूं। मेरी नजर में 50 प्रतिशत से ज्यादा फर्जी थानेदार चुने गए। ऐसे लोग अगर सेवा में आते तो कानून व्यवस्था की क्या स्थिति होती यह आप अंदाजा लगा सकते हैं।' 

 

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कांग्रेस ने क्या कहा?

 

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने 'एक्स' पर लिखा, 'उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा को रद्द करने का हाई कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। कांग्रेस पार्टी हमेशा युवाओं के हित में कार्य करती रही है। देश में पेपर लीक के खिलाफ उम्रकैद तक की सजा एवं 10 करोड़ रुपये जुर्माना, दोषियों की संपत्ति कुर्क करने जैसे कठोर कानून सबसे पहले राजस्थान में पिछली कांग्रेस सरकार ने ही बनाया था।' 

 

 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय ‘रीट परीक्षा लेवल-टू’ में अनियमितताएं सामने आईं थी, जिसे सरकार ने रद्द कर समयबद्ध तरीके से पुन: परीक्षा आयोजित करवाई तथा 50,000 युवाओं को नौकरी दी थी। जूली ने कहा, 'बीजेपी उपनिरीक्षक परीक्षा को लेकर जनता में तो अलग बातें करती है लेकिन अदालत में इस परीक्षा को रद्द न करने के लिए प्रयास करती रही। इससे बीजेपी सरकार का दोहरा चरित्र भी सामने आ गया है।'

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