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मन बहलाने के लिए FB में महिला को जोड़ा, रिटायर्ड टीचर के 12 लाख उड़ गए

एक रिटायर्ड शिक्षक को फेसबुक पर महिला से दोस्ती करना बहुत महंगा पड़ गया। उसे लगभग 12 लाख रुपये की चपत लग गई। मामला साइबर पुलिस तक पहुंच गया है।

Cyber Fraud Case.

सांकेतिक फोटो। (AI Generated Image)

हरियाणा के मानेसर में एक रिटायर्ड शिक्षक के साथ फ्रॉड का मामला सामने आया है। फेसबुक पर एक महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। शिक्षक ने उसे स्वीकार कर लिया। यह छोटी सी पहल उसे बहुत भारी पड़ने वाली थी। अगले 10 दिन में रिटायर्ड शिक्षक के साथ 12 लाख रुपये का साइबर फ्रॉड हुआ तो मामला पुलिस तक पहुंचा। अब शिक्षक का कहना है कि महिला को मन बहलाने के लिए जोड़ा था, लेकिन फ्रॉड हो गया।

 

हरियाणा के गुरुग्राम जिले के फारुखनगर निवासी 58 वर्षीय रिटायर्ड शिक्षक रामनिवास को 20 जुलाई को एक महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। पीड़ित ने इसे स्वीकार कर लिया। महिला ने अपना नाम फिलिप जोहान और इंग्लैंड की रहने वाली बताया। दोनों के बीच मैसेंजर पर बातचीत होने लगी। बीच में महिला कॉल भी करने लगी। उसने काफी फोटो भी भेजीं। मैसेंजर के बाद बातचीत का सिलसिला व्हाट्सएप पर शुरू हो गया।

 

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यूके के नंबर से मैसेज करती थी महिला

रिटायर्ड शिक्षक का कहना है कि व्हाट्सएप पर मैसेज यूनाइटेड किंगडम के नंबर से आता था। महिला ने भारत आने की इच्छा जताई तो रिटायर्ड शिक्षक ने भी कह दिया कि आ जाओ। शिक्षक ने आगे कहा कि मुझे क्या पता था कि कोई सही में आ जाएगा। बकौल शिक्षक 26 जुलाई को एक महिला का दिल्ली से फोन है। उसने खुद को फिलिप जोहान की मां बताया। मगर दो दिन बाद मामले में नया मोड़ आ गया।

कैसे ठगों के जाल में फंसा रिटायर्ड शिक्षक?

28 जुलाई को रामनिवास को एक अन्य कॉल आई। कॉलर ने खुद को आव्रजन अधिकारी बताया और कहा कि वह मुंबई हवाई अड्डे से बोल रहा है। उसने बताया कि महिला फिलिप जोहान को 50 हजार डॉलर यानी करीब 58 लाख रुपये की रकम के साथ हिरासत में लिया गया है। उसे साढ़े 37 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। इसके बाद आरोपी शख्स ने एक महिला से बात करवाई। उसने खुद को फिलिप जोहान बताया। महिला ने रामनिवास से आर्थिक मदद मांगी। वादा किया कि बाद में उसका पैसा लौटा देगी। बस यही से ठगी का खेल शुरू हुआ।

 

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10 बार में भेज दी 12 लाख की रकम

साइबर पुलिस को दी शिकायत में रामनिवास ने बताया कि महिला पर भरोसा किया और दो दिन में लगभग 10 बार धन का लेनदेन किया। आरोपियों ने कहा कि 58 लाख की रकम खाते में भेज दी जाएगी। मगर एंटी-मनी लॉ लॉन्ड्रिंग सर्टिफिकेट के 85 हजार और 1.75 लाख रुपये टैक्स के चुकाने होंगे। आरोपियों की ओर से मिली यूपीआई आईडी पर लाखों की रकम भेज दी। पैसा मांगने पर आरोपियों ने ब्लॉक कर दिया। इसके बाद धोखाधड़ी का अहसास हुआ। पीड़ित रामनिवास का कहना है कि 28 से 30 जुलाई के बीच कुल 11,77,499 रुपये ट्रांसफर किए। पीड़ित ने 1930 में शिकायत के बाद मानेसर साइबर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है।

 

किस बैंक से कितने रुपये भेजे?

  • फोनपे के माध्यम से एसबीआई के अकाउंट से दो ट्रांजैक्शन में 62 हजार रुपये भेजे।
  • फोनपे से केनरा बैंक के खाते से दो ट्रांजैक्शन से 1.55 लाख की रकम भेजी।
  • एनईएफटी के जरिए यस बैंक से 1.75 लाख रुपये भेजे।
  • आरटीजीएस के माध्यम से आईडीबीआई बैंक खाते से 3 लाख भेजे।
  • यस बैंक के दूसरे खाते से 2.80 लाख ट्रांसफर किए। 
  • यस बैंक से ही 1-1 लाख के दो अन्य ट्रांजैक्शन किए।
  • फोनपे से आरबीएल बैंक से 4999 रुपये भेजे।

 

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