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धनवर्षा के नाम पर लड़कियों का शोषण, संभल में ढोंगी गुरुओं का पर्दाफाश

संभल पुलिस ने एक धनवर्षा गिरोह के 14 सदस्यों को गिरफ्तार कर उनका भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह पिछले आठ सालों से एक्टिव था। ये लोग लोगों को पैसे का लालच देकर उनसे ठगी करते थे।

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सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: Pixabay

उत्तर प्रदेश के संभल से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां 28 मार्च को संभल पुलिस ने 14 अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया हैं। सभी पर मानव तस्करी, यौन शोषण और वन्य जीव तस्करी में शामिल होने का आरोप है। 

 

गिरोह खुद को 'धनवर्षा' कहता है, जिसका मतलब है धन की वर्षा करना। यह अनुष्ठानों और प्रथाओं के जरिए पैसे का वादा करके गरीब परिवारों को अपना शिकार बनाता था। वे युवा लड़कों और लड़कियों का यौन शोषण करते थे और अधिक पैसे के लिए कछुओं सहित दुर्लभ वन्यजीव प्रजातियों की तस्करी करते थे।

 

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अपने जाल में ऐसे फंसाता था गिरोह

गिरोह ज्यादातर कमजोर परिवारों को अपना निशाना बनाता था। ये 5 फीट 5 इंच से अधिक लंबी कुंवारी लड़कियों की तलाशी करते थे जिनके शरीर पर कोई जलन, टैटू, सर्जरी या जानवरों के काटने के निशान नहीं होते थे। गिरोह दावा करता था कि ऐसी लड़कियों में पैसे कमाने के लिए विशेष गुण हैं।

 

पीड़ित लड़कियों की तस्वीरें खींची जाती थीं और उन्हें फिल्माया जाता था। साथ ही उनकी जांच की जाती थी और फिर उन्हें सुनसान जगहों पर ले जाया जाता था जहां 'गुरु' उन्हें बेहोश कर देते थे और उनका यौन उत्पीड़न करते थे। धोखे को बनाए रखने के लिए गिरोह कई तरीके के अनुष्ठान भी करता था। 

 

जब्त किए गए तस्वीरें और वीडियो

संभल के एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया, 'पुलिस ने गुप्त साधना के लिए सामग्री, पीड़ितों की तस्वीरें और वीडियो वाले मोबाइल फोन, एक दुर्लभ कछुआ और हथियार समेत कई महत्वपूर्ण सबूत बरामद किए हैं। गिरफ्तार किए गए गिरोह के 14 सदस्य उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से हैं।'

 

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शिकायत के आधार पर हुई जांच

बिश्नोई ने बताया कि धनारी थाना क्षेत्र के बमनपुरी गांव निवासी राजपाल ने 21 मार्च को शिकायत दर्ज कराई जिसके आधार पर जांच शुरू की गई। राजपाल ने बताया कि उसकी मां को पीठ दर्ज की शिकायत थी, जिसके बाद उसने 11 मार्च को गांव के ही लखन और रिंकू से मदद मांगी। गूढ़ विद्या में महारथ हासिल करने का दावा करते हुए अजय सिंह और दुर्जन के साथ मिलकर राजपाल को नरौरा ले गए और फिर एटा जिले के संतोष और शिवम नामक साथियों के साथ मिलकर उसे जबरन आगरा में एक अज्ञात स्थान पर ले गए।

 

ग्रामीण की बलि देने की कर रहे थे कोशिश

सुनसान जगह पर ले जाकर राजपाल को बांध दिया गया और उसका चेहरा एक सफेद कपड़े से ढक दिया था, क्योंकि गिरोह उसे एक अनुष्ठान में बलि देने की तैयारी कर रहा था। उसकी चीखें सुनकर आस-पास के निवासी सतर्क हो गए, जिससे अपराधियों को भागने पर मजबूर होना पड़ा और राजपाल को भागने का मौका मिल गया। एक मीडिया से बातचीत के दौरान राजपाल ने बताया 'मुझे 11 मार्च को जबरन खेत से उठाया और अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया। अंत में, उन्होंने मेरी बलि देने की कोशिश की। मेरी चीखें सुनकर लोग घटनास्थल पर पहुंचे और उसी दौरान आरोपी भाग गए। किसी तरह, मैं घर पहुंचने में कामयाब रहा।'

 

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पुलिस ने किया पता

राजपाल की शिकायत के बाद पुलिस ने गहन जांच शुरू की। पूछताछ और संदिग्धों के मोबाइल रिकॉर्ड से पता चला कि वे अंतरराज्यीय तस्करी नेटवर्क से जुड़े हुए हैं। मानव तस्करी और यौन शोषण के अलावा, गिरोह दो मुंह वाले सांप और कई पैरों वाले कछुओं जैसे दुर्लभ जानवरों का व्यापार करता था। उन्हें अनुष्ठानों में पेश करता था और फिर उन्हें ऊंचे दामों पर बेच देता था।

 

संभल एसपी ने कहा, 'हमने 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया है और वन्यजीवों के साथ तांत्रिक सामग्री बरामद की है। कानूनी कार्रवाई की जा रही है।' जांच का नेतृत्व कर रही एएसपी अनुकृति शर्मा ने मामले को गरीबों के साथ धोखाधड़ी और शोषण बताया हैं। आरोपियों को अदालत में पेश किया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया है।

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