नोएडा के गौतमबुद्ध नगर में बकरीद को लेकर पुलिस ने शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए सख्ती बढ़ा दी है। 9 जून तक जिले में धारा 163 लागू की गई है, जिसका मतलब है कि किसी भी सार्वजनिक जगह पर एक साथ लोग जमा नहीं हो सकते और खुले में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं होगी। अगर कोई अफवाह फैलाता है या नियम तोड़कर खुले में जानवर की कुर्बानी देता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का ये कदम इसलिए उठाया गया है ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो और त्योहार शांति से मनाया जा सके। खासतौर पर संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात की गई है ताकि सुरक्षा में कोई चूक न हो।
9 जून तक जिले में प्रदर्शन और जुलूस पर रोक
जिले में 9 जून तक किसी भी तरह के प्रदर्शन, जुलूस या मार्च निकालने की इजाजत नहीं है। इसके साथ ही, सार्वजनिक जगहों और सड़कों पर नमाज पढ़ने पर भी रोक लगा दी गई है। अगर कोई व्यक्ति पुलिस के आदेशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस का कहना है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज शांति से पूरी हो गई थी। गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट में किसान और कुछ संगठन धरना प्रदर्शन करने की योजना बना रहे थे। साथ ही शनिवार को ईद का त्योहार भी है, ऐसे में शांति व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है। इसी कारण पुलिस अधिकारी चाह रहे हैं कि त्योहार शांतिपूर्वक और सुरक्षित माहौल में मनाया जाए।
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नियम किए गए सख्त
अब सार्वजनिक जगहों पर भीड़ जमा करने की इजाजत नहीं है। ड्रोन उड़ाना मना है और लाउडस्पीकर का इस्तेमाल भी कम आवाज़ में ही करना होगा। कोविड से जुड़ी सावधानियों का पालन ज़रूरी है और खुशी में हवाई फायरिंग (हर्ष फायरिंग) पर भी पूरी तरह रोक लगी हुई है। अगर कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा के डीसीपी यमुना प्रसाद ने बताया कि ईद के त्योहार को देखते हुए संवेदनशील इलाकों में ज्यादा पुलिस तैनात की गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी लगातार निगरानी रखी जा रही है। लोगों से अपील की गई है कि किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं और शांति बनाए रखें।
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धारा 163 क्या है?
यह धारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 का हिस्सा है, जिसे पहले दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 के रूप में जाना जाता था। इस प्रावधान के अंतर्गत देश या किसी राज्य में आपातकालीन स्थिति या सार्वजनिक अव्यवस्था की स्थिति में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासनिक नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है।
धारा 163 के तहत आदेश जिला मजिस्ट्रेट या राज्य सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारी द्वारा जारी किया जा सकता है। इस धारा का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक शांति बनाए रखना, मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करना और दंगे या झगड़ों की आशंका को रोकना होता है। यह आदेश आपातकालीन स्थिति में एकतरफा रूप से लागू किया जाता है और इसके अंतर्गत किसी व्यक्ति विशेष को किसी विशेष कार्य से रोका जा सकता है। आदेश जारी होने के बाद यह अधिकतम दो महीने तक प्रभावी रहता है, लेकिन यदि परिस्थितियाँ सामान्य नहीं होती हैं, तो राज्य सरकार इसे छह महीने तक बढ़ा सकती है।