महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को बिना नाम लिए बीजेपी पर मुंबई से उद्योग धंधे शहर से बाहर ले जाने पर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी के कारण मुंबई धीरे-धीरे अपना महत्व खो रही है। उद्धव ठाकरे का यह बयान राज्य में तीन भाषा विवाद के बीच आया है।
शिवसेना प्रमुख ने कहा, 'हम 'तोड़ने की भाषा' नहीं बोल रहे हैं, लेकिन मुंबई धीरे-धीरे अपना महत्व खो रही है। मुंबई के उद्योग और वित्तीय केंद्र गुजरात कौन ले गया? ये लोग। इसलिए, कोई भी मुंबई को महाराष्ट्र से अलग नहीं कर सकता। जो भी करेगा हम उनके टुकड़े करेंगे, मैं यह खुले तौर पर कहता हूं। लेकिन हम मुंबई के महत्व को (कुछ भी) होने नहीं देंगे।'
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मुंबई से हीरा बाजार किसने छीना?
उन्होंने कहा, 'मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है, इसे देश की वित्तीय राजधानी माना जाता है। इसका महत्व कुछ लोगों की आंखों में खटकता है। वे फिल्म उद्योग को कहां स्थानांतरित कर रहे थे? इसे कौन स्थानांतरित कर रहा था? मैं? क्या यह सच नहीं है? हीरा बाजार किसने छीन लिया? क्या यह सच नहीं है? यहां एक वित्तीय केंद्र स्थापित किया जा रहा था, लेकिन अहमदाबाद को बुलेट ट्रेन कौन दे रहा है? लोग इसे खुले तौर पर देख सकते हैं। इसमें और कुछ जोड़ने की जरूरत नहीं है।'
हिंदी की बाध्यता की इजाजत नहीं देंगे- उद्धव
वहीं, हिंदी भाषा विवाद पर मराठी और अंग्रेजी मीडियम के स्कूलों में हिंदी ‘थोपे जाने’ के दावे पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपने पुराने बयानों पर कायम हैं। उन्होंने कहा, 'मैं अपनी भावनाओं पर कायम हूं। हम किसी भाषा का विरोध नहीं करते, लेकिन हम किसी भाषा के लिए बाध्यता की इजाजत नहीं देंगे।'
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विधान भवन परिसर में हुई मारपीट पर बोले
मॉनसून सत्र के अंतिम दिन विधान भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने गुरुवार को राज्य विधानमंडल परिसर में बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच हुई हाथापाई पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस घटना ने महाराष्ट्र की छवि को धूमिल किया है।
इस मारपीट की घटना की तुलना अन्य राज्यों की कानून-व्यवस्था से किए जाने के सवाल पर उद्धव ने कहा, 'मैं ये नहीं कहूंगा कि इस तरह की झड़पें महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश-बिहार की संस्कृति ला रही हैं। उन राज्यों में भी अच्छे लोग हैं। हमें कुछ बुरे तत्वों की वजह से पूरे राज्य की छवि खराब नहीं करनी चाहिए।'