चंडीगढ़ में किसानों के विरोध प्रदर्शन पर रोक लग गई है। पुलिस ने गांवों से मार्च करने वाले किसानों को प्रदर्शन में शामिल होने से रोक दिया है। इस बीच राज्य भर में कई चेकपॉइंट बनाए गए और सभी जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ट्रैक्टर-ट्रॉली और अन्य वाहनों में चंडीगढ़ के लिए निकले किसानों को बीच रास्ते ही रोक दिया गया।
बता दें कि पुलिस की यह कार्रवाई मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा किसानों को दी गई चेतावनी के बाद हुई है। उन्होंने सोमवार को एक बैठक के दौरान किसानों से कहा था कि किसी भी विरोध या आंदोलन से लोगों को परेशानी या असुविधा नहीं होनी चाहिए।
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बीच बैठक से बाहर गए भगवंत मान
मुख्यमंत्री बैठक के बीच में ही बाहर चले गए थे और किसानों ने विरोध जारी रखने का फैसला किया था। ऐसे में बैठक के बीच में मुख्यमंत्री भगवंत मान के वॉकआउट से स्थिति और बिगड़ गई जिससे किसान और सरकार टकराव की राह पर आ गए हैं।
इस बीच तत्कालीन संयुक्त किसान मोर्चा ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को चेतावनी दी है। एसकेएम ने कहा, 'अगर पंजाब के किसान लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए गिरफ्तारी देने का फैसला करते हैं, तो मान सरकार के पास पर्याप्त जेल नहीं होंगी।' बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की थी। हालांकि अब विरोध वापस ले लिया गया है। वे आगे का रास्ता तय करने के लिए 7 मार्च को एक बैठक की योजना बना रहे हैं।
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किसानों की मांग और पुलिस की सख्ती
किसानों की मांगों की एक लिस्ट है, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर छह फसलों की खरीद शामिल है। किसान संगठन ने दावा किया है कि उसके कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इससे पहले आज, पुलिस उप महानिरीक्षक (रोपड़ रेंज) हरचरण सिंह भुल्लर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों को किसी भी कीमत पर चंडीगढ़ पहुंचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
समाचार एजेंसी PTI ने उनके हवाले से कहा, 'जहां भी कोई किसान (सड़कों पर) निकला, उस क्षेत्र की पुलिस ने उन्हें वहीं रोक दिया। वे वहां शांतिपूर्वक बैठे थे।' उन्होंने कहा कि पंजाब में स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है।