एक नई मेडिकल रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि 2023 में तमिलनाडु के तिरुपत्तूर जिले के वानीयंबादी शहर में एक डेंटल क्लिनिक से इलाज कराने के बाद आठ लोगों की मौत हो गई थी। इन मौतों की वजह 'न्यूरोमेलियोइडोसिस' नाम की एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण थी, जो दिमाग को प्रभावित करता है। यह जांच सीएमसी वेल्लोर, आईसीएमआर-एनआईई और तमिलनाडु के लोक स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की एक टीम ने की। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, इस बीमारी का फैलाव डेंटल क्लिनिक में साफ-सफाई और स्टरलाइजेशन की सही व्यवस्था न होने की वजह से हुआ था। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस खतरनाक बीमारी और मौतों के बारे में सरकार की किसी भी एजेंसी ने कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी थी।
बड़ी लापरवाही से हुई 8 मरीजों की मौत
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह रिसर्च एक गंभीर मेडिकल चूक को उजागर करता है। इसमें बताया गया है कि एक सर्जरी में इस्तेमाल होने वाला उपकरण जिसे पेरीओस्टियल एलेवेटर कहा जाता है, को साफ किए बिना सलाइन की बोतल खोलने के लिए इस्तेमाल किया गया। बाद में उसी बोतल को बंद कर दिया गया और उसमें मौजूद सलाइन को क्लिनिक ने दोबारा इस्तेमाल किया। इसी कारण कम से कम 10 मरीजों को गंभीर इनफेक्शन हो गया, जिनमें से 8 की मौत हो गई। यानी इस घटना में मृत्यु दर 80% रही।
यह भी पढ़ें: बेटी की बारात रोकने से फैला दंगा, वह कांड जिसमें 35 साल बाद आया फैसला
मुंह से होकर सीधे नर्वस सिस्टम में पहुंचा बैक्टीरिया
रिसर्च के प्रमुख लेखक, डॉ. एंजेल मिराक्लिन थिरुगनकुमार बताते हैं कि इस तेज और घातक संक्रमण का कारण यह हो सकता है कि सलाइन में मौजूद बैक्टीरिया मरीजों के मुंह से होकर सीधे नर्वस सिस्टम में पहुंच गए। बजाय इसके कि वे सामान्य रूप से खून के ज़रिए शरीर में फैलें। यह संक्रमण मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को सीधे प्रभावित करता है।
पूरे जीनोम जांच से यह भी पता चला कि इस बैक्टीरिया में एक ऐसा विशेष जीन है, जो इसे मस्तिष्क पर सीधे और आक्रामक तरीके से हमला करने की क्षमता देता है। यह बीमारी न्यूरोमेलिओइडोसिस कहलाती है, जो एक गंभीर संक्रमण है और बर्कहोल्डरिया स्यूडोमैली नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया आमतौर पर मिट्टी और गंदे पानी में पाया जाता है।
यह भी पढ़ें: पुणे पोर्श कार केस: जेल में बंद डॉक्टर अब किडनी रैकेट केस में गिरफ्तार
21 मरीज थे न्यूरोमेलियोइडोसिस के शिकार
बुखार और सिरदर्द के बाद कुछ मरीजों को बोलने में दिक्कत, देखने में समस्या और चेहरे की मांसपेशियों का कमजोर पड़ना जैसे लक्षण दिखे। जुलाई 2022 से अप्रैल 2023 के बीच, शोधकर्ताओं ने न्यूरोमेलियोइडोसिस नाम की बीमारी के 21 मामले पाए। इनमें से 10 मरीज डेंटल क्लिनिक गए थे और कुल 9 मौतें हुईं। इन 21 मरीजों में से 17 तिरुपत्तूर जिले के थे, 2 रानीपेट के, और 1-1 तिरुवन्नामलाई और कृष्णगिरि के थे।