तेलंगाना सीआईडी ने गुरुवार को हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) के अध्यक्ष ए. जगन मोहन राव और चार अन्य लोगों को एक बड़े घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, इन लोगों पर पैसे की हेराफेरी और कुप्रबंधन जैसे गंभीर आरोप हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में एचसीए के कोषाध्यक्ष सी. श्रीनिवास राव, सीईओ सुनील कांते और दो अन्य शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई 2025 के आईपीएल सीजन के दौरान सनराइजर्स हैदराबाद की शिकायत के बाद की गई। सनराइजर्स हैदराबाद ने एचसीए और इसके अध्यक्ष जगन मोहन राव पर गंभीर आरोप लगाए थे। फ्रेंचाइजी ने दावा किया कि एचसीए उसे ‘ब्लैकमेल’ कर रहा है और मुफ्त टिकटों (कॉम्प्लिमेंट्री टिकट्स) की मांग कर रहा है। सनराइजर्स ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और आईपीएल गवर्निंग काउंसिल को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
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राव ने आरोप किया खारिज
सनराइजर्स हैदराबाद ने अपने पत्र में कहा कि अगर एचसीए की इस तरह की हरकतें बंद नहीं हुईं, तो वे अपने घरेलू मैचों को किसी अन्य राज्य में आयोजित करने पर विचार करेंगे। हालांकि, जगन मोहन राव ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि फ्रेंचाइजी से ऐसी कोई मांग नहीं की गई थी।
इस पूरे मामले ने तब और तूल पकड़ा जब तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने सनराइजर्स की शिकायत पर जांच के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने क्रिकेट प्रशासनिक संगठनों से इस मामले को गंभीरता से लेने और एचसीए की कथित ‘ब्लैकमेलिंग’ रणनीतियों को रोकने के लिए कहा। इसके बाद तेलंगाना सीआईडी ने जांच शुरू की और बुधवार को एचसीए के पदाधिकारियों को हिरासत में लिया।
अनियमितता आई सामने
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया, ‘पांच लोगों को धन की हेराफेरी, कुप्रबंधन और अन्य आरोपों में गिरफ्तार किया गया है।’ उन्होंने कहा कि जांच में कई अनियमितताएं सामने आई हैं, जिनके आधार पर यह कार्रवाई की गई। सीआईडी अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितनी राशि का गबन हुआ और इसमें और कौन-कौन शामिल हो सकता है।
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यह मामला हैदराबाद क्रिकेट प्रशंसकों और क्रिकेट प्रशासन के लिए बड़ा झटका है। सनराइजर्स हैदराबाद, जो आईपीएल की एक प्रमुख फ्रेंचाइजी है, ने साफ कर दिया है कि वह इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं करेगी। फ्रेंचाइजी ने कहा कि वे चाहते हैं कि क्रिकेट का खेल पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से खेला जाए।
दूसरी ओर, एचसीए ने अभी तक इस गिरफ्तारी पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन इस घटना ने क्रिकेट प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही के सवाल खड़े कर दिए हैं।