दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज में 24 साल की एक छात्रा के साथ बलात्कार के मामले ने पश्चिम बंगाल की सियासत गरमा दी है। इस पर तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी की टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा विरोध जताया है।
दरअसल, श्रीरामपुर से सांसद कल्याण बनर्जी ने इस संवेदनशील मुद्दे पर ऐसा बयान दिया जिसे बीजेपी ने 'अपमानजनक और गैर-जिम्मेदाराना' बताया। उन्होंने कहा 'अगर कोई दोस्त ही अपनी दोस्त के साथ बलात्कार करता है तो पुलिस क्या कर सकती है? क्या पुलिस स्कूल-कॉलेजों में बैठ सकती है? यह एक छात्र ने ही दूसरे छात्र के साथ किया है, तो उसकी सुरक्षा कौन करेगा?'उन्होंने आगे कहा, 'अपराध कौन करता है? कुछ पुरुष ही करते हैं। इसलिए महिलाओं को ऐसे गंदी सोच वाले पुरुषों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।'
भाजपा ने क्यों की आलोचना?
बीजेपी का कहना है कि सांसद का यह बयान बेहद संवेदनहीन है और यह संस्थानों की ज़िम्मेदारी को नजरअंदाज करता है। जब एक लड़की किसी संस्थान में पढ़ रही हो, तो वहां की सुरक्षा व्यवस्था और जवाबदेही तय करना जरूरी होता है।
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टीएमसी से आरोपी के रिश्तों पर चुप्पी
जब मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या इस घटना का आरोपी टीएमसी की छात्र इकाई से जुड़ा है, तो कल्याण बनर्जी ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि अपराध किसी पार्टी का नहीं होता, जो भी दोषी है, उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने रिपोर्टर पर आरोप लगाया कि वह यह सवाल किसी राजनीतिक मकसद से पूछ रहा है।
क्या हुआ छात्रा के साथ?
पीड़िता का कहना है कि उसे तीन लोगों ने झांसा देकर कमरे में बुलाया जिनमें से एक 31 साल का वकील और कॉलेज का पुराना छात्र मोनोजीत मिश्रा है, जबकि बाकी दो जैब अहमद (19) और प्रमित मुखोपाध्याय (20) कॉलेज के मौजूदा छात्र हैं। छात्रा का आरोप है कि उसे जबरन कमरे में बंद किया गया औरमोनोजीत मिश्रा ने उसका यौन शोषण किया। बाकी दोनों बाहर खड़े होकर उसे सुरक्षा देते रहे। पीड़िता के ऊपर हॉकी स्टिक से मारा गया।
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मेडिकल रिपोर्ट क्या कहती है?
डॉक्टरों की जांच में छात्रा के शरीर पर चोट के निशान, काटने के निशान और यौन हमले के साफ सबूत मिले हैं। यानी मेडिकल रिपोर्ट भी उसके बयान की पुष्टि करती है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। उनके मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं, क्योंकि पीड़िता ने आरोप लगाया है कि इस घिनौनी हरकत का वीडियो भी बनाया गया था।
राजनीति में बवाल
पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा का संबंध सत्ताधारी टीएमसी पार्टी से है। उसने कहा कि मिश्रा कॉलेज की टीएमसी छात्र इकाई का अनौपचारिक नेता था और सब उसी की सुनते थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर मिश्रा की कई तस्वीरें टीएमसी नेताओं जैसे सांसद अभिषेक बनर्जी और स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के साथ वायरल हुईं। बीजेपी ने भी आरोप लगाया कि मिश्रा को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ था और ऐसे लोगों को पार्टी कार्यक्रमों में जगह दी गई। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।