कुछ साल पहले बीजेपी, सीपीआई(एम) और कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के हाथ-पैर काटने की धमकी देने वाले मालदा जिले के तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष अब्दुर रहीम बक्शी ने अब बीजेपी विधायक के मुंह में तेजाब डालने की धमकी दी है। शनिवार शाम को, बक्शी ने एक सभा को संबोधित करते हुए यह विवादित बयान दिया। यह सभा बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों के खिलाफ टीएमसी के मुताबिक अन्य राज्यों में हो रहे ‘अत्याचारों’ के विरोध में आयोजित की गई थी।
अपने भाषण में, बक्शी ने बीजेपी विधायक शंकर घोष पर निशाना साधा, हालांकि उन्होंने उनका नाम नहीं लिया। शंकर घोष ने पहले विधानसभा में बंगाल के प्रवासी मजदूरों को ‘रोहिंग्या’ या ‘बांग्लादेशी’ कहा था। इस पर गुस्सा जताते हुए बक्शी ने कहा, ‘जो बेशर्मी से कहता है कि बंगाल के 30 लाख प्रवासी मजदूर, जो बाहर काम करते हैं, बंगाली नहीं हैं... वे रोहिंग्या हैं, बांग्लादेशी हैं। मैंने तब भी कहा था और आज भी कहता हूं - अगर तुमने दोबारा ऐसा कहा, तो मैं तुम्हारे मुंह के अंदर तुम्हारी आवाज़ को जलाकर राख कर दूंगा। पता होना चाहिए कि यह पश्चिम बंगाल है। हम बंगाली तुम्हें बोलने की जगह नहीं देंगे। मैं एसिड से तुम्हारा चेहरा जला दूंगा।’
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उन्होंने लोगों से बीजेपी के झंडे फाड़ने और जिले में पार्टी का सामाजिक बहिष्कार करने की भी अपील की।
बीजेपी ने की निंदा
बीजेपी ने बक्शी के बयान की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने टीएमसी पर डर और हिंसा की संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। मालदा उत्तर से बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू ने कहा, ‘यह टीएमसी की संस्कृति है। उनका काम लोगों को डराना है। मालदा में अब ऐसे बयान आम हो गए हैं। टीएमसी का जिला अध्यक्ष अक्सर सुर्खियों में रहने के लिए ऐसा बोलता है। अगले विधानसभा चुनाव में हार का डर टीएमसी को सता रहा है।’
बीजेपी ने मालदा में विरोध प्रदर्शन भी किया। खगेन मुर्मू ने एक धरने का नेतृत्व किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे पुलिस केस दर्ज किए जा रहे हैं।
ममता बनर्जी ने दी थी चेतावनी
यह बयान तब आया है, जब टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के नेताओं को बार-बार चेतावनी दी है कि वे अपमानजनक या भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल न करें। हाल ही में एक समीक्षा बैठक में, ममता ने नेताओं को याद दिलाया था कि गैर-जिम्मेदार बयान पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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यह विवाद मालदा में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकता है, खासकर तब जब राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।