केरल में निपाह वायरस (Nipah Virus) के दो नए मामले सामने आए हैं। यह खतरनाक वायरस डिटेक्ट होने के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। केरल IDSP स्टेट सर्विलांस यूनिट ने भी राज्य में दोनों केसों के बारे में पुष्टि की है। IDSP ने निपाह वायरस के दोनों मामलों की जानकारी 4 जुलाई को ही NCDC को दे दी है।
ताजा निपाह वायरस के मामले सामने आने के बाद एनसीडीसी की केंद्रीय निगरानी यूनिट, केरल की IDSP यूनिट के साथ संपर्क में है। साथ ही दोनों एजेंसी मिलकर इसपर नजर बनाए हुए हैं। दोनों एजेंसियां नेशनल आउटब्रेक रिस्पॉस टीम (NJORT) की तैनाती पर विचार कर रही हैं। इसके अलावा अलग-अलग टीमें निपाह वायरस की रोकथाम और निगरानी के लिए राज्य नियंत्रण कक्ष को सक्रिय किया गया है।
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38 साल की महिला में संक्रमण की पुष्टि
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) ने केरल के पलक्कड़ जिले में एक 38 साल की महिला में निपाह संक्रमण की पुष्टि की थी। संक्रमित महिला का फिलहाल मलप्पुरम के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं, एक 18 साल की युवती में लक्षण सामने आने के बाद उसके नमूनों की जांच चल रही है। यह युवती तीन दिन पहले कोझिकोड में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से पीड़ित थी।
मदद को आगे आई केंद्र सरकार
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, केरल में निपाह वायरस की पुष्टि होने के बाद केंद्र सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों में केरल की मदद के लिए विशेषज्ञों की एक टीम तैनात करेगी। जबकि, प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य अधिकारियों को हाई अलर्ट पर कर दिया गया है। अधिकारी संपर्क ट्रेसिंग और संक्रमण के जोखिम वाले लोगों को क्वारंटीन करने पर काम कर रहे हैं।
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केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि दोनों मरीजों के संभावित संपर्कों के रूप में कुल 345 लोगों का पता लगाया जा चुका है। उन्होंने कहा, 'इनमें से 211 लोग मलप्पुरम, 91 पलक्कड़ और 43 कोझिकोड जिले में हैं।' रिपोर्ट्स के मुताबिक, निपाह वायरल की स्थिति को देखते हुए मलप्पुरम, पलक्कड़ और कोझिकोड में 26 त्वरित प्रतिक्रिया दल स्थापित किए गए हैं। ये टीमें संपर्क ट्रेसिंग, लक्षण निगरानी और जन जागरूकता का काम करेंगी।
बता दें कि निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। यह वायरस खासतौर से चमगादड़ के जरिए इंसानों के शरीर में प्रवेश करता है। अब तक केरल में निपाह के चपेट में आने से 17 लोगों की मौत हो चुकी है।