उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के एक स्कूल में प्रिंसिपल समेत तीन टीचरों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने कार्र्वाई की है। बलिया जिले के बेरुआरवारी के सरकारी प्राइमरी स्कूल के प्रिंसिपल और दो महिला टीचरों ने कथित तौर पर बच्चों को स्कूल से मारकर भगा दिया था। सोमवार को प्रशासन ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए तीनों टीचरों पर अपनी जिम्मेदारी के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड कर दिया है। प्रिंसिपल पर स्कूल के फ्रिज में दारू रखने का और महिला टीचरों पर प्रिंसिपल के ऑफिस में बैठकर फोन चलाने का भी आरोप है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
बलिया जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि बेरुआरवारी के खंड शिक्षा अधिकारी ने पिछली जुलाई को एक रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट में खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अनीता यादव और सुनीता सिंह स्कूल में आकर बच्चों को पढ़ाने के बजाय प्रिंसिपल के ऑफिस में बैठकर मोबाइल चलाती रहती हैं। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अनीता यादव और सुनीता सिंह बच्चों को अक्सर पीटकर स्कूल से भगा देती हैं।
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प्रिंसिपल पर लगे गंभीर आरोप
स्कूल के प्रिंसिपल ओंकार नाथ सिंह पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। प्रिंसिपल पर आरोप है कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को सही से नहीं निभाया और अपनी जिम्मेदारी के प्रति लापरवाही दिखाई। वह अपने दोस्तों और बाहरी लोगों को स्कूल में बुलाते थे। इतना ही नहीं सारी मर्यादाएं लांघते हुए वह स्कूल के फ्रिज में दारू भी रखते थे। वह अपने ही कामों में व्यस्त रहते थे और उन्होंने एक प्रिंसिपल के रूप में अपनी जिम्मेदारी को सही से नहीं निभाया।
हाजिरी रजिस्टर में गड़बड़
स्कूल की दोनों टीचरों पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। बच्चों के साथ मारपीट करना और उन्हें घर भगा देने के अलावा हाजिरी में गड़बड़ के भी आरोप उन पर लगे हैं। हाजिरी रजिस्टर में दोनों व्हाइटनर लगाकर अपने सिग्नेचर कर देती थी यानी उस दिन की हाजिरी भी लगा देते थीं जिस दिन वह स्कूल में नहीं आती थीं। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि दोनों पढ़ाने के बजाय ऑफिस में बैठकर अपना फोन चलाती रहती थीं।
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जांच के लिए बनी कमेटी
इस मामले की जांच के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नगरा और बांसडीह के खंड शिक्षा अधिकारियों की एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने 22 जुलाई को अपनी रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में तीनों टीचरों पर लगे आरोप सच बताए गए। इस रिपोर्ट में प्रिंसिपल ओंकार नाथ सिंह और टीचर अनीता यादव और सुनीता सिंह को स्कूल में पढ़ाई ना करवाने का जिम्मेदार माना। इस रिपोर्ट के आधार पर सोमवार को तीनों को सस्पेंड कर दिया गया।
बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने बताया कि सस्पेंड की गई टीचर अनीता यादव को प्राइमरी स्कूल करमपुर और सुनीता सिंह को प्राइमरी स्कूल जानपुर भेज दिया गया है। वहीं प्रिसिंपल ओंकार नाथ सिंह को प्राइमरी स्कूल आस चौरा भेज दिया गया है। इस मामले की अनुशासनिक जांच के लिए रसड़ा के खंड शिक्षा अधिकारी पवन सिंह और मुरली छपरा के खंड शिक्षा अधिकारी पंकज सिंह को जांच अधिकारी बनाया गया है। यह कमेटी 15 दिनों में रिपोर्ट जमा करवाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।