उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक बैंक में लॉकर तोड़कर करोड़ों की लूट करने वाले दो अपराधियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। एक अपराधी लखनऊ तो दूसरा गाजीपुर में मारा गया है। दोनों लखनऊ के इंडियन ओवरसीज बैंक में हुई डकैती में शामिल थे।
सोबिंद कुमार का एनकाउंटर कैसे हुआ?
पुलिस ने बताया कि 26 साल सोबिंद कुमार का लखनऊ में किसान पथ के पास एनकाउंटर हुआ। जबकि, 28 साल के सन्नी दयाल को गाजीपुर पुलिस और SWAT सर्विलांस की टीम ने मार गिराया।
चिनहट के एसीपी राधा रमन सिंह ने बताया कि बिहार का रहने वाला सोबिंद कुमार बैंक डकैती के वांटेड अपराधियों में से एक था। उन्होंने बताया कि सोमवार को टिप के आधार पर पुलिस ने चिनहट इलाके के लौलाई गांव के पास दो गाड़ियों को रोका। एक संदिग्ध ने पुलिस टीम पर गोली चला दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलाईं। उन्होंने बताया कि सोबिंद कुमार को गोली लगी और बाद में उसकी मौत हो गई।
सन्नी दयाल कैसे मारा गया?
यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि सन्नी दयाल के ऊपर 25 हजार रुपये का इनाम था। उसे गाजीपुर की SWAT टीम और पुलिस ने एक ज्वॉइंट ऑपरेशन में मार गिराया।
पुलिस ने बताया कि रूटीन चेकिंग के दौरान बारा पुलिस चौकी के पास बाइक सवार दो लोगों को रोकने की कोशिश की। रोकने के बाद संदिग्ध बिहार की तरफ भागने लगे। उनका पीछा किया गया और कुतुबपुर के पास रोका गया। यहां संदिग्ध गाड़ी छोड़कर भागे और पुलिस पर गोलियां चला दीं।
डीजीपी ने बताया, 'जवाबी कार्रवाई ने पुलिस ने भी गोलियां चलाईं। इसमें सन्नी दयाल घायल हो गया। दूसरा संदिग्ध अंधेरे का फायदा उठाकर वहां से भाग गया। सन्नी को पहले कम्युनिटी हेल्थ सेंटर ले जाया गया और फिर गाजीपुर के जिला अस्पताल में रेफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गई।'
उन्होंने बताया कि सन्नी के पास से .32 बोर की एक पिस्टल, 35 हजार रुपये कैश और चोरी किए गए चांदी के गहने बरामद किए हैं।
रविवार को हुई थी बैंक में डकैती
इंडियन ओवरसीज बैंक की चिनहट ब्रांच में रविवार (22 दिसंबर) को डकैती हुई थी। ब्रांच मैनेजर संदीप सिंह ने बताया था कि चोर बगल के खाली प्लॉट से दीवार तोड़कर बैंक के अंदर घुसे और करीब 40 लॉकरों से सामान लूट लिया।
इस मामले में सोमवार को पुलिस ने तीन संदिग्ध- अरविंद कुमार, बलराम और कैलाश को गिरफ्तार किया था। तीनों बिहार के रहने वाले हैं। उन्हें लौलाई गांव के पास से गिरफ्तार किया गया था। सोबिंद कुमार, सन्नी दयाल, मिथुन कुमार और विपिन कुमार कर्मा भागने में कामयाब रहे थे। इनमें से सोबिंद कुमार और सन्नी दयाल एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।