गोवा सरकार ने उन लोगों और प्रतिष्ठानों पर भारी जुर्माना लगाने की घोषणा की है जो लोग सीवेरेज सिस्टम का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने 26 मार्च को राज्य का बजट पेश करते हुए घोषणा की कि सरकार 'गोवा मास्टर प्लान 2050' पर काम करेगी। इसके जरिए अगले 25 सालों के सीवेज ट्रीटमेंट पर काम किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन एरिया में वेस्ट डिस्पोजल लाइन गई है वहां पर लोगों को रेग्युलर फीस के अलावा रेजिडेंशियल कनेक्शन के लिए अतिरिक्त 50 प्रतिशत वाटर चार्ज और कॉमर्शियल कनेक्शन के लिए अतिरिक्त 100 प्रतिशत चार्ज देना होगा।'
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इन अतिरिक्त चार्जेज़ की सहायता से सरकार कोशिश कर रही है कि लोग ज्यादा से ज्यादा सीवरेज सिस्टम को यूज करें।जब लोग और कॉमर्शियल प्रतिष्ठान सीवेज का प्रयोग शुरू कर देंगे तो उनके ऊपर चार्जेज नॉर्मल हो जाएंगे।
पानी हो रहा प्रदूषित
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी पूरी जिम्मेदारी गोवा सीवरेज कॉर्पोरेशन की होगी। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेशन नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को सेटअप करेगा और मौजूदा फेसिलिटी को भी देखेगा। सावंत ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने 53 करोड़ 12 लाख रुपये रखे हैं।
उन्होंने कहा, 'बहुत से एरिया में खासकर तटीय इलाकों में या तो सीवरेज सिस्टम को लागू नहीं किया गया है और या तो खराब तरीके से मेनटेन किया जा रहा है, जिससे पानी प्रदूषित हो रहा है। हमने इस मामले को सुलझाने के लिए कदम उठाया है।'
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'वैक्युम सीवर नेटवर्क' लॉन्च
सावंत ने कहा कि गोवा में देश का पहला 'वैक्युम सीवर नेटवर्क' लॉन्च किया गया है जो कि काफी महत्त्वपूर्ण है।
सीएम ने कहा कि हालांकि, कुछ क्षेत्रों में सीवेज सिस्टम को लागू किया गया है लेकिन लोग इससे कनेक्ट नहीं कर पा रहे हैं, इसकी वजह से पर्यावरणीय प्रदूषण हो रहा है। सीवरेज सिस्टम को लागू करके सैनिटेशन की क्षमता को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।