मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई यूपी कैबिनेट बैठक में 30 प्रस्तावों पर मोहर लगी है। कैबिनेट ने लखनऊ में एक नया लिंक एक्सप्रेस-वे बनाने का फैसला किया है। 49.96 किमी लंबा यह लिंक एक्सप्रेस आगरा लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को आपस में जोड़ेगा। इसके निर्माण पर अनुमानित 4776 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह लिंक एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा। इसके बनने के बाद पूर्वांचल से देश की राजधानी दिल्ली तक का सफर सुहाना हो जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड को बड़ी सौगात दी है। कैबिनेट बैठक में बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी(BIDA) अंतर्गत न्यू इंडस्ट्रियल टाउनशिप योजना को मंजूरी दी गई है। बीडा से जुड़े भूमि से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन देना है। इसके तहत कंपनियों को सब्सिडी और लेटर ऑफ कंफर्ट जारी करने से जुड़े प्रस्ताव को स्वीकृति मिली है।
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यूपी रोजगार मिशन का होगा गठन
यूपी सरकार ने कैबिनेट बैठक में 'उत्तरप्रदेश रोजगार मिशन' के गठन के हरी झंडी दे दी है। इसका लक्ष्य अगले साल 25 से 30 हजार बेरोजगारों को विदेश और लगभग एक लाख बेरोजगारों को निजी क्षेत्र में रोजगार देने का लक्ष्य है। अयोध्या एनएसजी सेंटर के निर्माण को भी मंजूरी मिली है। यूपी सरकार इसका प्रस्ताव केंद्र को भेजेगी। उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1997 की धारा 4 व धारा 4(9) में संशोधन को हरी झंडी मिली। इसमें वन टाइम टैक्स की व्यवस्था होगी। सरकार मानना है कि इससे राजस्व में इजाफा होगा।
भाषा संस्थान के कर्मचारियों को सौगात
योगी सरकार ने भाषा संस्थान के कर्मचारियों को सौगात दी है। कैबिनेट ने 2 साल सेवानिवृत्ति की सीमा बढ़ा दी है। अभी तक भाषा संस्थान के कर्मचारी 58 साल में रिटायर्ड होते हैं। अब सेवानिवृत्ति की उम्र 60 साल करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का कहना है कि इसी विभाग के तहत अन्य स्वायत्त संस्थानों ने पहले ही 60 वर्ष सेवानिवृत्ति आयु लागू कर दी है। यह निर्णय समान निकायों के कर्मचारियों के बीच समानता लाएगा।
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JPNIC परियोजना की सोसायटी भंग
कैबिनेट ने जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) परियोजना के लिए गठित सोसायटी को भंग करने वाले प्रस्ताव पर भी मोहर लगा दी। अब इसकी बागडोर लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) संभालेगा। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पूर्व में गठित जेपीएनआईसी सोसायटी को भंग करने और इसको लखनऊ विकास प्राधिकरण को सौंपने का निर्णय लिया गया है। अब परियोजना के पूरा होने, रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी एलडीए की होगी। उन्होंने आगे बताया कि इस परियोजना के तहत मिले 821.74 करोड़ रुपये को एलडीए का कर्ज माना जाएगा। प्राधिकरण इसे 30 साल में चुकाएगा। बता दें कि JPNIC पूर्व सीएम अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट था। मगर साल 2017 में भाजपा के शासन में आने बाद इसकी रफ्तार ठप हो गई थी।