उत्तराखंड के चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में दो अलग-अलग जगहों पर बादल फटे हैं। कई परिवार मलबे में फंस गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि यह घटनाएं रुद्रप्रयाग के बरेठ डुंगर टोक और चमोली के देवाल क्षेत्र में हुईं। रेस्क्यू और राहत कार्य जारी हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। रेस्क्यू टीमें भी पहुंच रही हैं।
टिहरी चमोली जैसे इलाकों में बादल फटने के बाद हालात बेहद गंभीर हैं। टिहरी में मूसलाधार बारिश हो रही है, कई जगह लैंडस्लाइड की घटनाएं देखी जा रही हैं। बारिश की वजह से उत्तराखंड का हाल बेहाल है। कई परिवारों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।
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मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने क्या कहा?
पुष्कर सिंह धामी ने लिखा, 'जनपद रुद्रप्रयाग के तहसील बसुकेदार क्षेत्र के अंतर्गत बड़ेथ डुंगर तोक और जनपद चमोली के देवाल क्षेत्र में बादल फटने के कारण मलबा आने से कुछ परिवारों के फंसे होने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है, इस संबंध में निरंतर अधिकारियों से संपर्क में हूं, आपदा सचिव और जिलाधिकारियों से बात कर बचाव कार्यों के प्रभावी संचालन हेतु आवश्यक निर्देश दिए हैं।'
चमोली में बार-बार फट रहे बादल
चमोली में बीते सप्ताह भी बादल फटा था। थराली में एक गांव बह गया था। सड़कें बंद हो गईं थीं। टुनरी गदेरा नाले में पानी बढ़ने से मलबा कई घरों में घुस गया था। चेपडो बाजार और कोटद्वीप बाजार में भी मलबा बहकर आया, और गाड़ियां कीचड़ में दब गईं। बाढ़ की वजह से उत्तराखंड के कई जिले प्रभावित हैं। हरसिल घाटी में यमुना नदी में गडगड गदेरा से मलबा आने के की वजह से एक अस्थाई झील बन गई है।
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उत्तराखंड में कैसे चल रहा रेस्क्यू?
उत्तराखंड के बाढ़ और बारिश प्रभावित इलाकों में लगातार रेस्क्यू चलाया जा रहा है। गंगोत्री यात्रा मार्ग पर अब सड़कों को दुरुस्त कर लिया गया है। यमुनोत्री यात्रा पर भी जल्द काम शुरू होगा।
धराली में अब कैसे हालात हैं?
धराली हादसे में 100 से ज्यादा लोग लापता हो गए थे। अब उत्तरकाशी और हरसिल के बीच सड़क संपर्क बहाल है। गंगोत्री यात्रा अभी बंद है। बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन के कर्मचारी सड़क को दुरुस्त करने की कोशिशों में जुटे हैं।