कोलकाता नगर निगम (KMC) ने 30 अगस्त 2025 को जारी एक नए आदेश में स्पष्ट किया है कि शहर के सभी व्यापारिक, वाणिज्यिक, संस्थागत, सभा भवनों और अन्य प्रतिष्ठानों के साइन बोर्ड, होर्डिंग और साइनेज पर बांग्ला भाषा को शीर्ष पर रखना अनिवार्य होगा। इस आदेश का पालन 30 सितंबर 2025 तक करना होगा, अन्यथा कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।यह आदेश पहली बार 30 दिसंबर 2024 को जारी किया गया था, लेकिन इसके क्रियान्वयन में देरी के कारण KMC को इसे दोबारा लागू करना पड़ा। नए सर्कुलर में कहा गया है कि बांग्ला भाषा को साइन बोर्ड पर सबसे ऊपर रखना होगा, जबकि दूसरी भाषाओं जैसे हिंदी या अंग्रेजी का उपयोग इसके नीचे किया जा सकता है।
कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकिम ने इस कदम को बंगाल की सांस्कृतिक और भाषाई अस्मिता को सहेजने की दिशा में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, 'बांग्ला हमारी गौरवशाली पहचान है। हम चाहते हैं कि शहर में आने वाला हर व्यक्ति पहले बांग्ला पढ़े। अन्य भाषाओं का उपयोग हो सकता है, लेकिन बांग्ला को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।'
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KMC की सख्त चेतावनी
मेयर ने यह भी बताया कि कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने KMC के ट्रेड लाइसेंस विभाग से नोटिस मिलने के बावजूद बांग्ला में साइन बोर्ड नहीं लगाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि दूसरी भाषाओं में साइन बोर्ड लगाने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बांग्ला का उपयोग अनिवार्य है। KMC ने सभी दुकानदारों और प्रतिष्ठानों को 30 सितंबर तक इस आदेश का पालन करने का समय दिया है, अन्यथा उचित कार्रवाई की जाएगी।
भाषा विवाद की शुरुआत
इस आदेश के बाद कोलकाता में भाषा को लेकर बहस छिड़ गई है। महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर हुए विवाद के बाद अब पश्चिम बंगाल में भी भाषाई अस्मिता का मुद्दा गरमाता दिख रहा है। कई दुकानदारों ने आदेश का पालन शुरू कर दिया है और अपने साइन बोर्ड पर बांग्ला भाषा को शामिल किया है। हालांकि, कुछ व्यापारियों का कहना है कि इस बदलाव से उन्हें अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ रहा है।
सबसे ऊपर लिखना होगा
KMC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह सर्कुलर बांग्ला भाषा की पहचान और गौरव को बनाए रखने के लिए जारी किया गया है। आदेश में साफ कहा गया है कि सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों, कार्यालयों और अन्य संस्थानों को अपने साइन बोर्ड पर बांग्ला भाषा को सबसे ऊपर लिखना होगा, जबकि अन्य भाषाओं का उपयोग इसके नीचे किया जा सकता है।
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होगी सख्त कार्रवाई
KMC ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश का पालन न करने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शहर के व्यापारियों और संस्थानों को सलाह दी जाती है कि वे समय रहते अपने साइन बोर्ड को अपडेट कर लें ताकि किसी भी असुविधा से बचा जा सके।