झारखंड के लातेहार जिले में सुरक्षाबलों का नक्सलियों के खिलाफ शुरू अभियान ऑपरेशन क्लीन जारी है। सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में झारखंड जन मुक्ति परिषद (JJMP) का मुखिया पप्पू लोहरा और उसका साथी प्रभात गंजू मारा गया है। पप्पू लोहरा पर 10 लाख रुपये और प्रभात गंजू पर 5 लाख रुपये का इनाम था। झारखंड पुलिस के प्रवक्ता और आईजी (ऑपरेशन) अमोल वी होमकर ने बताया कि लातेहार पुलिस को पप्पू लोहरा और उसके साथियों की गतिविधियों की सूचना मिली थी। इसके बाद लातेहार एसपी कुमार गौरव ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर एक ऑपरेशन शुरू किया।
जंगल में सर्च के दौरान माओवादियों ने गोलीबारी शुरू की, जिसका पुलिस ने जवाब दिया। गोलीबारी खत्म होने के बाद इलाके की तलाशी ली गई, जिसमें दो माओवादियों के शव और एक घायल व्यक्ति मिला। साथ ही एक इंसास राइफल और अन्य सामान भी बरामद हुआ। पुलिस ने पुष्टि की कि मारे गए माओवादी पप्पू लोहरा और प्रभात गंजू थे। एनकाउंटर में घायल एक नक्सली को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस मुठभेड़ में एक जवान भी घायल हुआ, जिसे रांची के अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया।
यह ऑपरेशन शनिवार सुबह हुआ और इलाके में तलाशी अभियान अब भी जारी है। ऑपरेशन झारखंड डीजीपी अनुराग गुप्ता के मार्गदर्शन में किया गया है। JJMP अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। संगठन में 50 से ज्यादा वांछित नक्सली हैं, जिनके पास अत्याधुनिक हथियार हैं। पप्पू की मौत को नक्सलियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़: एक एनकाउंटर, 26 से ज्यादा नक्सली ढेर, सर्च ऑपरेशन जारी
कौन था पप्पू लोहरा?
पप्पू लोहरा झारखंड जन मुक्ति परिषद का सरगना था। पप्पू लोहरा एक कुख्यात माओवादी नेता था, जिसके खिलाफ झारखंड के कई जिलों में हत्या, उगाही, आगजनी और अन्य अपराधों के लगभग तीन दर्जन मामले दर्ज थे। उस पर 10 लाख रुपये का इनाम था।
झारखंड जन मुक्ति परिषद क्या है?
JJMP एक माओवादी संगठन है। साल 2007-08 में संजय यादव उर्फ मंजीत जी ने इसका गठन किया था। यह संगठन झारखंड के लातेहार, गुमला, लोहरदगा, पलामू और कई जिलों में सक्रिय है। यह संगठन उगाही, लेवी, ठेकेदारों और व्यवसायियों को धमकाने जैसे अपराधों में शामिल है। JJMP का गठन माओवादी विचारधारा से असहमति की वजह से हुआ है। जब संजय यादव ने 2018 में आत्मसमर्पण किया, तब पप्पू लोहरा JJMP का प्रमुख बन गया। वह संगठन का बेहद आक्रामक तरीके से नेतृत्व करता था। पुलिस को एक अरसे से उसकी तलाश थी।
यह भी पढ़ें: जनवरी से अब तक 81 नक्सली ढेर, क्या नक्सलफ्री होगा छत्तीसगढ़?
क्यों कुख्यात था पप्पू लोहरा?
वह JJMP का मुखिया था और अपनी आपराधिक गतिविधियों की वजह से चर्चा में रहता था। वह पुलिस के लिए एक बड़ा खतरा था और उसे पकड़ने या मारने के लिए कई ऑपरेशन चलाए गए। शनिवार को लातेहार जिले में पुलिस और CRPF की एक संयुक्त टीम नक्सलियों की धर-पकड़ कर रही थी, जिसमें उसका अहम साथी प्रभात गंजू भी मारा गया। इस ऑपरेशन में एक इंसास राइफल और अन्य सामान बरामद हुए हैं। पप्पू लोहरा पर 36 से ज्यादा मामले दर्ज थे, जिसमें हत्या और आगजनी जैसे अपराध शामिल थे।