सहारनपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेस संतोष बहादुर सिंह के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए गए हैं। उन पर समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन के साथ उन पर बदसलूकी करने के आरोप लगे हैं। इकरा हसन, कैराना की सांसद हैं। इकरा हसन, शमालपुर की नगर पंचायत अध्यक्ष शमा परवीन के साथ एडीएम दफ्तर में गई थीं। वहां अधिकारी ने उन्हें दरवाजे से बाहर निकलने के लिए कहा। वे एडीएम के सामने कुछ स्थानीय मुद्दों को उठाना चाह रही थीं लेकिन अधिकारी ने कथित तौर पर उनकी एक नहीं सुनी और बाहर निकलने के लिए कहा।
इकरा हसन के मुताबिक 1 जुलाई को इकरा हसन ने एडीएम संतोष सिंह से मिलने की कोशिश की थी। उनके लोकसभा क्षेत्र में कई समस्याएं हैं, जिनका वह निपटारा चाहती थीं। उन्होंने संतोष बहादुर सिंह से मिलने की गुहार लगाई तो कहा गया कि एडीएम बाहर गए हैं। इकरा हसन ने करीब 3 बजे दोपहर में दोबारा आईं। उन्होंने एडीएम ऑफिस में फिर दस्तक दी। एडीएम को यह अच्छा नहीं लगा। एडीएम ने परवीन को जबरदस्त फटकार लगाई तो इकरा हसन ने दखल दी। उसने इकरा हसन से भी बदसलूकी की और गुस्से में कहा कि गेट से बाहर निकल जाओ।
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इकरा हसन ने एडीएम के खिलाफ सहारनपुर के डिविजनल कमिश्नर अतुल कुमार राय से लिखित शिकायत दी है। मामले की जांच के लिए आलोक कुमार राय ने मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया है। इन आरोपों को एडीएम संतोष बहादुर ने खारिज किय है। उन्होंने कहा है, 'मुझ पर निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। मैंने माननीय सांसद इकरा हसन के खिलाफ कोई बदसलूकी नहीं की है।'
इकरा हसन:-
मेरे साथ एक महिला नगर पंचायत अध्यक्ष थी। 12 बजे से 3 बजे तक उन्हें बैठाकर रखा। मैं वहां से गुजर रही थी तो मुझे नगर अध्यक्ष ने रोका। मैंने एडीएम को तीन बार फोन किया। उनके दफ्तर से कहा गया कि वह लंच के लिए गए हैं। 3.30 बजे वह दफ्तर आए। लंच का तय टाइम होना चाहिए। उनकी आराम में खलल हुआ। मैंने उनसे कहा कि ईओ और अध्यक्ष के बीच सही संबंध हो, जिससे नगर पालिका सही तौर पर चले। उन्होंने कहा कि लिखित में दीजिए। हमने कहा कि लिखित में ईओ के खिलाफ अभी हम लिखित शिकायत नहीं देना चाहिए। चेयरमैन से उन्होंने भद्दे लहजे में बात किया। मैंने दखल दी तो मेरे साथ भी यही कहा गया। अगर महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा तो महिलाओं का भविष्य संदेहास्पद है। इस कार्यालय का मालिक मैं हूं और मैं अपने मन से जो चाहे करने के लिए स्वतंत्र हूं। गेट आउट। एडीएम इसे निराधार बता रहे हैं, मैं जनता से जुड़ी रही हूं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, उनकी मानसिकता महिला विरोधी है। उन्हें ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। महिलाओं के साथ तमीज के दायरे में बात करें।
कौन हैं एडीएम संतोष बहादुर सिंह?
एडीएम संतोष सिंह साल 2011 बैच के पीसीएस अधिकारी हैं। वह बलिया के रहने वाले हैं। 24 जुलाई 1974 उनकी जन्मतिथि है। वह एक अरसे तक प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं। अभी उनकी नियुक्ति सहारनपुर में है। एडीएम वित्त का पद उन्हें मिला है। 25 जुलाई 2011 को उन्हें पहली नियुक्ति मिली थी। तब वह डिप्टी कलेक्टर के पद पर तैनात हुए थे। 28 सितंबर 2012 को वह रामपुर में डिप्टी कलेक्टर के पद तक पहुंचे। साल 2014-16 में मुरादाबाद और 2016-18 में मेरठ के डिप्टी कलेक्टर के तौर पर उन्हें काम किया है।
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संतोष बहादुर सिंह, ADM:-
मैं अपने क्षेत्र में था। एक बैठक में था तो फोन साइलेंट कर दिया था। जब मैं बाहर आया तो उन्हें खुद कॉल करके बुलाया। वह किसी व्यक्तिगत मामले का समाधान चाहती थीं, मैंने उन्हें कहा कि लिखित में दे दीजिए। मैंने प्रोटोकॉल का पालन किया है। मेरे बारे में कहा जा रहा है कि मैंने कहा है कि गेट आउट, मेरा ऑफिस है, मैं इसका मालिक हूं। मुझे मेरे कर्तव्यों के बारे में पता है। ऐसे आरोप निराधार हैं।