मुंबई के आजाद मैदान में एक बार फिर मनोज जरागें पाटिल मराठा आरक्षण को लेकर धरने पर बैठ गए हैं। वह एक बार फिर अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि मराठाओं को मराठा-कुनबी समुदाय के तहत ओबीसी कैटगरी में रखा जाए। उनकी मांग है सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों में मराठाओं को आरक्षण मिले। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले एकनाथ शिंदे की कवायद पर मान गए मनोज जरांगे पाटिल एक बार फिर विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं।
मनोज जरांगे के सात हजारों समर्थक भी दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में डट गए हैं। उन्होंने बुधवार को जालना जिले में अपने गांव से मार्च शुरू किया था। उनके साथ सैकड़ों गाड़ियों का काफिला मुंबई पहुंचा। वह पुलिस सुरक्षा में सुबह 9.45 पर आजाद मैदान में दाखिल हुए। उनके अचानक आंदोलन पर आने से एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस सरकार की आरक्षण पर मुश्किलें बढ़ गईं हैं।
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चाहते हैं क्या हैं मनोज जरांगे?
- कुनबी के तौर पर मराठाओं को सूचीबद्ध कर दिया जाए
- OBC कैटेगरी के तहत मराठाओं को आरक्षण दिया जाए
- सरकारी नौकरी, शिक्षा में मराठाओं को आरक्षण का लाभ मिले
- मराठाओं की राज्य में आबादी 33% है, आबादी जैसी हिस्सेदारी
- मराठाओं के लिए कम से कम 10 फीसदी आरक्षण की मांग
किन्हें मराठाओं के आरक्षण पर ऐतराज है?
अन्य पिछड़ी जातियों के नेताओं का मानना है कि अगर मराठाओं को कुनबी प्रमाणपत्र मिलता है तो वे पिछड़े वर्ग के तहत आरक्षण का लाभ ले सकते हैं। मराठाओं की राज्य में आबादी करीब 33 प्रतिशत है, वहीं ओबीसी 52 प्रतिशत है। ओबीसी की राज्य में जातियां 384 हैं। गैर-मराठाओं का कहना है कि अगर माराठा इस लिस्ट में आते हैं तो अन्य जातियों का हक प्रभावित होगा। महाराष्ट्र में मराठा प्रभावशाली समुदाय है, समुदाय के लोग संपन्न हैं इसलिए उनका हक न छीना जाए।
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मनोज जरांगे इतने अहम क्यों?
मनोज जरांगे, मराठाओं के नेता बन गए हैं। वह मराठा आरक्षण की वकालत करते हैं। साल 2024 के विधानसभा चुनावों के दौरान उनसे महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत, तत्कालीन मु्ख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, तत्कालीन डिप्टी पीएम देवेंद्र फणडवीस गुप्त बैठकें कर चुके हैं। धनंजय मुंडे जैसे नेताओं ने भी उनसे मुलाकात की थी। मनोज जरांगे महायुति सरकार की बात मान गए थे लेकिन अब फिर धरने पर हैं।
धरने में कौन-कौन शामिल है?
मनोज जरांगे पाटिल, जलाना जिले के अंतरवाली सराटी में रहते हैं। यहीं से उन्होंने यात्रा शुरू की। मुंबई से 400 किलोमीटर दूरी की इस यात्रा में उनके साथ सैकड़ों समर्थक जुटे हैं।
धरने के लिए पुलिस ने क्या शर्तें रखी हैं?
महाराष्ट्र में गणपति उत्सव चल रहा है। मनोज जरांगे के समर्थकों ने वादा किया है कि वे किसी भी नियमित चल रहे काम काज को प्रभावित नहीं करेंगे। उनका विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण चलेगा। जालना पुलिस ने जरांगे और उनके समर्थकों को 40 शर्तों के साथ मार्च की अनुमति दी थी। इन शर्तों में कानून-व्यवस्था बनाए रखना, यातायात में बाधा न डालना और आपत्तिजनक नारेबाजी नहीं करना शामिल है।
9 बजे सुबह से 6 बजे शाम तक ही होगा प्रदर्शन
मुंबई पुलिस ने जरांगे को 29 अगस्त सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक ही आजाद मैदान में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत दी है। पुलिस ने शर्त रखी है कि इसके बाद उन्हें यहां से जाना होगा। प्रदर्शनकारियों की संख्या 5000 से ज्यादा नहीं होगी।
पुलिस की तैयारी क्या है?
पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर 1500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। रेलवे पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर भी सुरक्षा बढ़ा दी है। महाराष्ट्र के दूरदराज इलाकों से भी मराठा आरक्षण आंदोलन में शामिल होने लोग पहुंच रहे हैं।