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साइबर क्राइम की e-जीरो FIR होगी; क्या होगा फायदा? कैसे करेगा काम?

साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि साइबर क्राइम रोकने के लिए e-जीरो FIR की पहल शुरू की जा रही है।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

साइबर क्राइम को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। अब ऑनलाइन या हेल्पलाइन नंबर पर साइबर फ्रॉड की शिकायत करने पर पुलिस खुद ही FIR दर्ज कर लेगी। अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दिल्ली में शुरू किया जा रहा है। गृह मंत्री अमित शाह ने इसका ऐलान किया है। अमित शाह ने बताया कि साइबर क्राइम रोकने के लिए 'e-जीरो FIR' की पहल शुरू की जा रही है। इसका फायदा यह होगा कि इससे साइबर अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सकेगा।


अमित शाह ने बताया कि अगर कोई नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) और हेल्पलाइन नंबर '1930' पर साइबर धोखाधड़ी की शिकायत करता है तो अपने आप FIR दर्ज हो जाएगी। अभी इसे दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जा रहा है। अगर किसी व्यक्ति के साथ 10 लाख रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी हुई है तो वह शिकायत कर सकता है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इसे देशभर में शुरू किया जाएगा।

 

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क्या है यह पूरा मामला?

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंडर एक यूनिट है- इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C), जिसने e-जीरो FIR की पहल शुरू की है। अगर आपके साथ 10 लाख रुपये से ज्यादा की साइबर धोखाधड़ी हुई है और आप उसकी शिकायत NCRP या 1930 पर करते हैं तो अपने आप यह e-जीरो FIR में कन्वर्ट हो जाएगी। 

 

e-जीरो FIR क्या है?

होता यह है कि अपराध जहां होता है, FIR भी वहीं के पुलिस थाने में दर्ज होती है। मगर जीरो FIR में ऐसा नहीं होता। देश के किसी भी कोने में अपराध हुआ हो, जीरो FIR किसी भी थाने में दर्ज की जा सकती है। इस मामले में यह होगा कि अगर किसी व्यक्ति के साथ कोई साइबर फ्रॉड हुआ है तो वह पोर्टल या हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करेगा और उसकी e-जीरो FIR दिल्ली के e-क्राइम पुलिस थाने में दर्ज हो जाएगी।


पहले जीरो FIR का प्रावधान भी नहीं था। पहले जहां अपराध होती थी, वहीं के पुलिस थाने में FIR दर्ज होती थी। पिछले साल नए आपराधिक कानून लागू किए गए हैं, जिसमें जीरो FIR का प्रावधान किया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 173 में जीरो FIR का प्रावधान है। अब किसी भी पुलिस थाने में जीरो FIR दर्ज हो सकती है। 15 दिन में इसे संबंधित थाने को ट्रांसफर कर दिया जाता है।

 

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FIR कैसे मिलेगी?

शिकायत करने पर जो e-जीरो FIR दर्ज होगी, उसे बाद में रेगुलर FIR में कन्वर्ट कर दिया जाएगा। शिकायत करने वाला व्यक्ति तीन दिन के भीतर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन जाकर FIR की कॉपी ले सकता है। गृह मंत्रालय ने बताया कि अभी दिल्ली के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को e-जीरो FIR दर्ज करने की जिम्मेदारी दी गई है। दिल्ली का साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन इस e-जीरो FIR को संबंधित पुलिस थाने में भेजेगी।

फायदा क्या होगा इससे?

अब तक यह होता था कि अगर किसी के साथ साइबर फ्रॉड हुआ है और वह साइबर क्राइम पोर्टल या हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करता था तो भी FIR दर्ज नहीं होती थी। FIR दर्ज कराने के लिए उसे पुलिस स्टेशन जाना पड़ता है। मगर अब शिकायत करते ही e-जीरो FIR दर्ज हो जाएगी। इससे साइबर अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने में मदद मिलेगी।

 

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भारत में कितने साइबर फ्रॉड?

भारत में साबइर फाइनेंशियल फ्रॉड लगातार बढ़ते जा रहे हैं। साइबर अपराधी फर्जी कॉल या किसी भी तरीके से लोगों को ठग रहे हैं। हालिया समय में डिजिटल अरेस्ट के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। 


पिछले साल अगस्त में आई गृह मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि हेल्पलाइन नंबर 1930 पर हर दिन 60 हजार कॉल आते हैं जबकि साइबर क्राइम पोर्टल पर रोजाना 6 हजार शिकायतें दर्ज होती हैं। साइबर फ्रॉड से हर दिन औसतन 60 करोड़ रुपये का चूना लग रहा है। 35% मामलों में लोगों के साथ 50 लाख रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी हुई है।


दिसंबर 2024 में सरकार ने संसद में बताया था कि 2023-24 में 1 लाख रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी के 29,082 मामले दर्ज किए गए थे। 2023-24 में 177 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी हुई थी। अप्रैल से जून 2024 के बीच ही 107 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई थी। 2014-15 से लेकर 2023-24 तक 10 साल में साइबर अपराधियों ने 626 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी की थी।

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