दुनिया लोकप्रिय मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में से एक Apple के लिए एक नई मुश्किल खड़ी हो गई है। अमेरिका के इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन (ITC) ने एक शुरुआती फैसले में संकेत दिया है कि कुछ iPhone मॉडल्स को अमेरिकी बाजार में बैन किया जा सकता है और यह फैसला Apple के आने वाले iPhone 17 मॉडल पर भी असर डाल सकता है, भले ही वो अभी लॉन्च न हुआ हो।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद चीन की कंपनी BOE और सैमसंग डिस्प्ले के बीच का है। BOE एक OLED डिस्प्ले बनाने वाली कंपनी है जो iPhone के कई मॉडल्स के लिए स्क्रीन सप्लाई करती है। हालांकि, सैमसंग ने BOE पर आरोप लगाया है कि उसने सैमसंग की गुप्त तकनीक (ट्रेड सीक्रेट) चोरी करके अपने डिस्प्ले बनाए हैं।
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ITC की शुरुआती जांच में यह बात सही पाई गई कि BOE और उसकी 7 सहयोगी कंपनियों ने अमेरिकी व्यापार कानून का उल्लंघन किया है और सैमसंग की तकनीक का गलत इस्तेमाल किया है। इसी आधार पर ITC ने BOE द्वारा बनाए गए OLED पैनल्स के इम्पोर्ट पर रोक लगाने की सिफारिश की है। साथ ही, अमेरिका में BOE की बिक्री पर भी रोक लगाने की बात कही है।
Apple पर इसका क्या असर होगा?
इस समय Apple के iPhone 15, 15 Plus, iPhone 16 और 16e जैसे मॉडल्स में BOE के बनाए OLED डिस्प्ले लगाए गए हैं। यह सभी मॉडल्स अमेरिका में बिक रहे हैं। अगर ITC द्वारा दिया गया बैन का संकेत सच होता है तो Apple को इन फोनों की बिक्री में दिक्कत हो सकती है।
इतना ही नहीं, Apple iPhone 17 Pro और Pro Max मॉडल्स के लिए भी BOE से एडवांस टेक वाले डिस्प्ले लेने की योजना बना रहा था, खासकर चीन में बिक्री के लिए। हालांकि खबर है कि BOE के डिस्प्ले परफॉरमेंस के मानकों पर खरे नहीं उतरे, इसलिए Apple ने इन्हें सिर्फ चीन तक ही सीमित रखने का फैसला किया है।
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सैमसंग का कानूनी हमला और क्या करेगा Apple
सैमसंग डिस्प्ले ने अक्टूबर 2023 में ITC में BOE के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। अप्रैल 2025 में सैमसंग ने अमेरिका की टेक्सास कोर्ट में भी BOE के खिलाफ एक सिविल मुकदमा दायर किया है, जिसमें मुआवजे और हर्जाने की मांग की गई है।
अब अगर ITC का अंतिम फैसला BOE के खिलाफ जाता है, तो Apple को अमेरिका में अपने iPhone के लिए BOE की जगह दूसरी कंपनियों से डिस्प्ले मंगवाने पड़ेंगे। ऐसी स्थिति में Apple सैमसंग और LG जैसी कंपनियों से OLED पैनल खरीद सकता है, जो पहले से ही उसके कुछ मॉडल्स के लिए सप्लायर हैं। इसके साथ ITC का अंतिम निर्णय नवंबर 2025 में आने की उम्मीद है। उसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति के पास 60 दिनों का समय होगा यह तय करने के लिए कि वह इस फैसले को मंजूरी देते हैं या नहीं।