भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है। Axiom-4 मिशन के तहत स्पेस में गए शुभांशु शुक्ला को लेकर गया ड्रैगन कैप्सूल अब सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) तक पहुंच गया है और इसकी डॉकिंग भी हो गई है। डॉकिंग के बाद लगभग एक घंटे तक चली बाकी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चारों अंतरिक्षयात्री स्पेस स्टेशन में प्रवेश कर गए हैं और सभी एकदम ठीक हैं। अब ये चारों 14 दिन तक स्पेस स्टेशन में ही रहेंगे।
स्पेस स्टेशन पहुंचने से पहले ही शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम ने एक वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में शुभांशु शुक्ला ने कहा था कि उन्हें काफी अच्छा महसूस हो रहा है और वह खूब सो रहे हैं जो कि अच्छा सकंते है। शुभांशु शुक्ला ने यह भी बताया कि बार-बार मिशन टलने के बाद वह भी चाह रहे थे कि अब यह मिशन लॉन्च हो ही जाना चाहिए। बता दें कि इस मिशन को 6 बार टालने के बाद लॉन्च किया जा सका है।
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इस मौके पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के माता-पिता लखनऊ में जुटे और अपने बेटे की कामयाबी पर खुशी मनाते दिखे। डॉकिंग के समय शुभांशु की मां आशा शुक्ला भावुक हो गईं और लाइव टेलीकास्ट देखते-देखते ही उनकी आंखों में आंसू आ गए।
अपने बेटे की इस उपलब्धि पर शुभांशु शुक्ला के पिता शंभु दयाल शुक्ला ने कहा है, 'बहुत खुशी है, बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। हमारे बच्चे की सफल डॉकिंग हुई है। इसी के लिए प्रार्थना की थी और इसके लिए हम ईश्वर को शुक्रिया अदा कर रहे हैं। यह बहुत अहम पड़ा था। उसने बहुत मेहनत करके यह कामयाबी हासिल की है। वह शुरू से ही गोल्ड है। यह महिमा उसके स्कूल की है।'
कौन-कौन पहुंचा स्पेस स्टेशन?
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अलावा तीन और अंतरिक्षयात्री इस मिशन का हिस्सा हैं। पोलैंड के स्लावोस्ज उज्नान्स्की, अमेरिका की पैगी व्हिटसन और हंगरी के टिबोर कापू भी शुभांशु शुक्ला के साथ गए हैं। शुभांशु शुक्ला पायलट हैं तो टिबोर कापू और स्लावोस्ज मिशन विशेषज्ञ हैं। वहीं, पहले भी स्पेस मिशन पर जा चुकीं पैगी व्हिटसन इस मिशन की कमांडर हैं।
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बता दें कि इस मिशन का लक्ष्य स्पेस स्टेशन में रिसर्च करना और कुछ नई टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग करना है। यह मिशन भारत, अमेरिका, हंगरी और पोलैंड का संयुक्त मिशन है जिसे अमेरिका के फ्लोरिडा से SpaceX की मदद से लॉन्च किया गया है। शुभांशु शुक्ला इस मिशन के तहत 14 दिनों तक स्पेस स्टेशन में रहेंगे और 7 अलग-अलग प्रयोग करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात भी कर सकते हैं। बता दें कि इस मिशन पर भारत की ओर से कुल 548 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।