आज तक वैज्ञानिक मानते थे कि ब्रह्मांड लगातार फैलता जा रहा है और यह विस्तार हमेशा चलता रहेगा। हालांकि हाल ही में कुछ नई अंतरिक्ष पर चल रही स्टडी ने इस सोच को चुनौती दी है। अब वैज्ञानिक कह रहे हैं कि हो सकता है, ब्रह्मांड फैलना बंद कर दे और अंत में सिकुड़कर समाप्त हो जाए। इस घटना को 'बिग क्रंच' (Big Crunch) कहा जा रहा है।
हाल के वर्षों में Dark Energy Survey (DES) और Dark Energy Spectroscopic Instrument (DESI) नाम की प्रोजेक्ट्स ने दूर-दूर की गैलक्सी का स्टडी किया है। इनसे ऐसे संकेत मिले हैं कि डार्क एनर्जी (Dark Energy), जो ब्रह्मांड के फैलाव को बढ़ा रही थी, वह समय के साथ बदल सकती है।
डार्क एनर्जी को अब तक एक स्थायी ऊर्जा माना जाता था जिससे ब्रह्मांड को तेजी से फैल रहा है लेकिन नई खोजों से पता चलता है कि यह ऊर्जा शायद अस्थायी हो और समय के साथ कमजोर हो जाए।
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डार्क एनर्जी क्या है?
डार्क एनर्जी वह अनजान ऊर्जा है, जो ब्रह्मांड के विस्तार को तेज करती है। यह ऊर्जा दिखाई नहीं देती लेकिन इसका असर देखा जाता है। अब वैज्ञानिकों का कहना है कि इस ऊर्जा के पीछे दो हिस्से हो सकते हैं:
- एक्सियॉन (Axion): यह एक बहुत ही हल्का कण है, जो शायद ही किसी चीज से टकराता है। हालांकि यह पूरे ब्रह्मांड को प्रभावित कर सकता है।
- कॉस्मोलॉजिकल कॉन्स्टेंट (Cosmological Constant): यह आइंस्टीन के रेलटिविटी थ्योरी में बताया गया एक स्थिर वैल्यू है, जिसे डार्क एनर्जी का हिस्सा माना जाता है।
नई थ्योरी क्या कहती है?
एक ताजा स्टडी, जो जून 2025 में प्रकाशित हुआ है (लेकिन अभी विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा नहीं की गई है), यह कहता है कि ब्रह्मांड के फैलाव का कारण सिर्फ कॉस्मोलॉजिकल कॉन्स्टेंट नहीं है, बल्कि इसमें एक्सियॉन भी शामिल है।
अभी ब्रह्मांड का फैलाव एक्सियॉन द्वारा तेज हो रहा है लेकिन समय के साथ एक्सियॉन की ऊर्जा खत्म हो जाएगी। जब ऐसा होगा, तब नेगेटिव कॉस्मोलॉजिकल कॉन्स्टेंट प्रभाव में आएगा, जो फैलाव को धीमा करके ब्रह्मांड को सिकोड़ेगा।
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बिग क्रंच क्या है?
अगर ब्रह्मांड फैलना बंद कर दे और उल्टा सिकोड़ना शुरू कर दे, तो यह बिग क्रंच कहलाता है। इसमें-
- आकाशगंगाएं आपस में टकराएंगी।
- ब्रह्मांड छोटा, गर्म और घना होता जाएगा।
- आखिर में सब कुछ एक बिंदु में सिमट जाएगा, जिसे सिंगुलैरिटी कहते हैं।
कब होगा यह सब?
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले 10 अरब वर्षों में ब्रह्मांड का विस्तार धीमा हो जाएगा। फिर अगले 10 अरब वर्षों में यह उल्टा सिकुड़ना शुरू करेगा। कुल मिलाकर, करीब 33 अरब वर्षों में ब्रह्मांड का अंत हो सकता है।