भारत के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जल्द ही इतिहास रचने जा रहे हैं। वे 11 जून 2025 को दोपहर 12:30 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ेंगे। यह मिशन एक्स-4 (Ax-4) का हिस्सा है, जो भारत और अमेरिका के अंतरिक्ष सहयोग का परिणाम है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और एक्स-4 के अन्य चालक दल के सदस्य 10 जून को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से लॉन्च के लिए तैयार हैं।
शुभांशु शुक्ला का मिशन पहले 8 जून को शुरू होने वाला था लेकिन मौसम की खराब स्थिति और अंतरिक्ष यान की अंतिम तैयारियों की वजह से इसे 10 जून को टाल दिया गया। नासा और SpaceX की टीमों ने कहा कि यह बदलाव मौसम की भविष्यवाणी और फाल्कन 9 रॉकेट व ड्रैगन अंतरिक्ष यान की परिवहन प्रक्रिया को ध्यान में रखकर किया गया है।
पैगी व्हिटसन संभालेंगी मिशन की कमान
नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष उड़ान की निदेशक पैगी व्हिटसन इस मिशन की कमान संभालेंगी, जबकि इसरो के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पायलट के रूप में काम करेंगे। दो मिशन विशेषज्ञ पोलैंड के ईएसए (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) परियोजना के अंतरिक्ष यात्री स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्निएव्स्की और हंगरी के टिबोर कपू हैं।
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मस्क और ट्रंप के विवाद का होगा असर?
नासा और एक्सिओम दोनों ने सार्वजनिक रूप से जो समयसीमाएं तय की हैं, उनके अनुसार SpaceX के संस्थापक एलन मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच चल रहे विवाद का इस विशेष मिशन पर कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।
SpaceX का 53वां ड्रैगन मिशन
एक्स-4 मिशन SpaceX का 53वां ड्रैगन मिशन है। यह 15वां मानव अंतरिक्ष मिशन और 48वां अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन यात्रा होने जा रहा है। शुभांशु शुक्ला भारत के गगनयान कार्यक्रम के चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक रहे हैं। भारत ने इस मिशन पर अब तक लगभग 548 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
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इसमें लॉन्च के साथ-साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके बैकअप ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर की ट्रेनिंग भी शामिल है। प्रशांत नायर भी गगनयान कार्यक्रम का हिस्सा हैं। शुभांशु शुक्ला को SpaceX और एक्सिओम स्पेस ने स्पेशल ट्रेनिंग दी है।
कैप्टन शुभांशु 7 प्रयोग करेंगे
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने के बाद कैप्टन शुभांशु 7 प्रयोग करेंगे, जो भारतीय शिक्षण संस्थानों ने बनाए हैं। इनमें से ज्यादातर जैविक प्रयोग होंगे, जैसे कि पौधों के बीज और मानव शरीर पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का असर। इसके अलावा, वे नासा के साथ 5 और प्रयोग करेंगे जो मानव अनुसंधान से जुड़े हैं। इसरो के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुदीश बलन ने कहा कि ये प्रयोग भारतीय वैज्ञानिकों ने प्रस्तावित किए हैं नासा के साथ मिलकर मानव शोध के 5 प्रयोग भी होंगे।