दुनियाभर में AI की मांग में तेजी देखी जा रही है। जहां एक समय OpenAI के ChatGPT का बोलबाला था, वहीं अब कई AI टूल्स आ चुके हैं। इसी कड़ी में चीन की DeepSeek AI टूल दुनियाभर में चर्चा बटोर रही है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इसे बहुत ही कम लागत में तैयार किया गया था। बता दें कि स्टैनफोर्ड और वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने महज 50 डॉलर, यानी करीब 4,300 रुपए में dubbed S1 AI मॉडल तैयार किया है। हालांकि, कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि एक AI टूल को ट्रेन कैसे किया जाता है और इसकी पूरी प्रक्रिया क्या होती है? आइए जानते हैं।
AI टूल को ट्रेन करने की पूरी प्रक्रिया
AI टूल को ट्रेन करने की प्रक्रिया काफी मुश्किल होती है लेकिन इसे आसान भाषा में समझा जा सकता है। AI टूल को ट्रेन करने के लिए सबसे पहले डेटा की जरूरत होती है। यह डेटा AI को सिखाने और समझाने के लिए आधार बनता है। डेटा कई प्रकार का हो सकता है, जैसे टेक्स्ट, इमेज, वीडियो, या ऑडियो। इस डेटा को इकट्ठा करने के बाद, इसे व्यवस्थित किया जाता है ताकि AI इसे आसानी से समझ सके।
एक बार डेटा तैयार हो जाने के बाद, AI मॉडल को ट्रेन करने की प्रक्रिया शुरू होती है। इसमें एक एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया जाता है, जो डेटा के पैटर्न को पहचानता है और उसके आधार पर निर्णय लेता है। यह प्रक्रिया मशीन लर्निंग कहलाती है। मशीन लर्निंग में, AI को बार-बार डेटा दिया जाता है और उसे सही व गलत के बीच अंतर करना सिखाया जाता है। इस प्रक्रिया में AI अपने आप सीखता है और समय के साथ बेहतर होता जाता है।
ट्रेनिंग के दौरान, AI मॉडल को टेस्ट डेटा पर भी चेक किया जाता है। यह वह डेटा होता है जो ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया होता। इससे यह पता चलता है कि AI ने कितनी अच्छी तरह सीखा है और क्या यह नए डेटा को भी सही ढंग से समझ सकता है या नहीं। अगर AI मॉडल टेस्ट डेटा पर अच्छी तरह से काम करता है, तो इसे सभी यूजर्स के इस्तेमाल के लिए लॉन्च कर दिया जाता है।
क्या AI की जानकारी गलत हो सकती है?
हालांकि, AI की जानकारी गलत हो सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं। पहला कारण है डेटा का गलत इस्तेमाल। अगर ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया गया डेटा गलत या अधूरा है, तो AI गलत जवाब दे सकता है। दूसरा कारण है एल्गोरिदम की सीमाएं हो सकती हैं। हर एल्गोरिदम अपनी सीमा में रहकर काम करता है और अगर इसकी सीमा से बाहर जाकर इससे काम करवाया जाए तो भी AI गलतियां कर सकता है। तीसरी वजह है पक्षपात भी हो सकती है, अगर ट्रेनिंग डेटा में किसी तरह का पक्षपात होता है, तो AI भी उसी पक्षपात को सीख सकता है और गलत निर्णय ले सकता है।