logo

ट्रेंडिंग:

डिजिटल अरेस्ट: महिला ने 40 लाख का लोन लेकर दिए पैसे, पढ़िए फसीं कैसे

बेंगलुरु की एक महिला हालही में डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुई, जिसमें उनके लाखों रुपए लूट लिए गए। जानें पूरा मामला।

Image of Digital Arrest

सांकेतिक चित्र।(Photo Credit: Canva)

बेंगलुरु की 28 वर्षीय कीर्तना 21 दिसंबर से 3 जनवरी के बीच डिजिटल ठगी का शिकार हुई और अपनी मेहनत की कमाई से 1.2 करोड़ रुपये गंवा बैठीं। इतना ही नहीं, ठगों को भुगतान करने के लिए उन्होंने 40 लाख रुपये का कर्ज भी लिया।

 

कीर्तना ने ईस्ट सीन क्राइम पुलिस को दर्ज शिकायत में बताया कि 11 दिसंबर को उन्हें एक IVR कॉल +971 71518333 नंबर से प्राप्त हुआ। कॉल करने वाले ने खुद को 'DHL' कूरियर का प्रतिनिधि बताया। कॉल पर कहा गया कि उनके नाम पर भेजे गए पार्सल में छह फर्जी पासपोर्ट, एटीएम कार्ड और एमडीएमए (ड्रग्स) पाए गए हैं।

 

कीर्तना ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई पार्सल बुक नहीं किया। इसके बाद कॉल करने वाले ने कहा कि उन्हें तुरंत मुंबई आकर पुलिस को स्थिति स्पष्ट करनी होगी। जब उन्होंने मुंबई जाने में असमर्थता जताई, तो कॉल को कथित ‘मुंबई क्राइम पुलिस’ से जोड़ दिया गया।

मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाया

फिर एक अन्य व्यक्ति, जिसने खुद को सुनील दत्त दुबे नामक मुंबई पुलिस अधिकारी बताया, ने उनके दस्तावेज़ मांगे। कुछ ही समय बाद उन्होंने कीर्तना को बताया कि उनके दस्तावेजों से यह पता चला है कि उनके नाम से चार अलग-अलग राज्यों में बैंक खाते खोले गए हैं, जिनका इस्तेमाल 10.9 मिलियन डॉलर की मनी लॉन्ड्रिंग में किया गया है।

 

कीर्तना को डराया गया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है और उनकी गिरफ्तारी का आदेश भी जारी कर दिया गया है। ठगों ने उन्हें किसी से बात न करने और जांच में सहयोग न करने पर शारीरिक गिरफ्तारी की धमकी दी।

 

डरी हुई कीर्तना ने उनकी शर्तें मान ली और ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ में रहकर जांच का सामना करने को तैयार हो गईं। इसके बाद उन्होंने अपनी एफडी, पीएफ और अन्य निवेशों को समाप्त कर 21 दिसंबर को 75.6 लाख रुपये एक दिए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए। ठगों ने एक नकली ‘सुप्रीम कोर्ट प्रमाण पत्र’ भेजकर पैसे मिलने की पुष्टि की।

पैसे देने के लिए लिया लोन

इसके बाद उन्होंने कहा कि कीर्तना को उन संपत्तियों के लिए 55.9 लाख रुपये का बेल बांड भरना होगा, जिन्हें वह भुनाने में असमर्थ थीं। कीर्तना ने बैंकों से 40 लाख रुपये का कर्ज लिया और अपनी बचत के शेष 5 लाख रुपये मिलाकर ठगों को 30 लाख रुपये 30 दिसंबर को और 15 लाख रुपये 3 जनवरी को भेज दिए।

 

जब कुछ दिनों बाद भी उन्हें उनके पैसे वापस नहीं मिले, तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने 8 जनवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आईटी एक्ट और धोखाधड़ी के तहत मामला दर्ज कर लिया है और ठगों के खातों को फ्रीज करने का प्रयास कर रही है।

 

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 'मन की बात' में इस तरह की ठगी से बचने की सलाह दी है, लेकिन फिर भी लोग इन धोखेबाजों पर भरोसा कर अपनी मेहनत की कमाई गवां देते हैं।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap