भारतीय सेना के आर्मी डे परेड में रोबोटिक डोग्स को भी शामिल किया गया, जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। इन रोबो डोग्स की तस्वीर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रही है। भारतीय सेना ने इस नई तकनीक का प्रदर्शन करते हुए अपने एक्स हैंडल पर एक तस्वीर भी साझा की। इन रोबोटिक डॉग्स को 'MULE' यानी मल्टी यूटिलिटी लेग इक्विपमेंट कहा जाता है। ये एडवांस तकनीक से बना रोबोट, सेना के महत्वपूर्ण और एडवांस हथियारों में से एक है।
MULE की खासियत ये है कि इन्हें उन सुदूर और कठिन इलाकों में तैनात किया जा सकता है, जहां जवानों को तैनात करना बहुत मुश्किल होता है। इन रोबोट्स को एयरोआर्क प्राइवेट लिमिटेड नामक भारतीय कंपनी ने विकसित किया है। आइए जानते हैं, इन रोबाटिक डोग्स की खासियत।
रोबोटिक डॉग्स की खासियत
रोबोटिक म्यूल एक मजबूत और टिकाऊ ग्राउंड रोबोट है, जो हर मौसम में काम करने की सक्षम है। इसका काम दुश्मन के इलाके में और युद्ध क्षेत्र में दुश्मनों पर निगरानी रखना, जवानों तक जरूरी उपकरण पहुंचाना और खुद भी लड़ाई में हिस्सा लेना शामिल है। इसे शहर के साथ-साथ दुर्गम पहाड़ी या रेगिस्तानी इलाकों में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह उपकरण एक फोर्स मल्टीप्लायर की तरह काम करता है, जो न सिर्फ इसे स्थिति की समझ को बेहतर बनाता है बल्कि सैनिकों के शारीरिक और मानसिक श्रम को भी कम करता है।
यह रोबोट आसानी से सीढ़ियां चढ़ सकता है या खड़ी पहाड़ियों पर चढ़ाई कर सकता है और मलबे या असमान जमीन पर भी आसानी से काम कर सकता है। इसमें IP-67 रेटिंग दी गई है, जो इसे मुश्किल परिस्थितियों में भी टिकाऊ बनाती है। यह -40°C से +55°C के तापमान में भी अच्छे ढंग से काम कर सकता है। बता दें कि म्यूल में तीन घंटे तक लगातार चलने और 21 घंटे तक स्टैंडबाय रहने की क्षमता है।
एयरोआर्क कंपनी का योगदान
एयरोआर्क प्राइवेट लिमिटेड, भारतीय सेना के लिए एडवांस तकनीक विकसित करने वाली बड़ी कंपनियों में से एक है। यह आर्क वेंचर्स की सहायक इकाई है और रक्षा क्षेत्र में UAV यानी मानव रहित वहिकल और रोबोटिक्स पर काम करती है। एयरोआर्क का मकसद आधुनिक उपकरणों को विकसित करना है, जो सैनिकों को खतरनाक मिशन में सुरक्षा प्रदान करें और सफलता को बढ़ाना है।
एयरोआर्क ने अब तक 1,000 से ज्यादा ड्रोन बनाए हैं और इस समय वह 60 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। यह कंपनी 5 देशों में अपनी सेवाएं दे रही है और 7 अन्य कंपनियों के साथ साझेदारी में काम कर रही है। कंपनी को अब तक 19 पेटेंट भी मिल चुके हैं।