टेक्नोलॉजी की दुनिया में Microsoft ने बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने हाल ही में Majorana 1 नाम के एक नए क्वांटम चिप की घोषणा की है। Microsoft का दावा है कि यह चिप क्वांटम कंप्यूटिंग को हकीकत में बदलने के करीब ले आई है, जिससे अब यह तकनीक दशकों के बजाय कुछ ही वर्षों में उपलब्ध हो सकती है। Google और IBM जैसी कंपनियां भी इस क्षेत्र में अपने कदम बढ़ा रही हैं लेकिन Microsoft का दावा है कि उसका नया चिप दूसरों से बेहतर और ज्यादा स्थिर है।
क्वांटम कंप्यूटिंग का महत्व
क्वांटम कंप्यूटर अन्य कंप्यूटर्स की तुलना में बहुत तेज होते हैं। जिन कैलकुलेशन को करने में आज के सुपरकंप्यूटर को लाखों साल लगेंगे, उन्हें क्वांटम कंप्यूटर चंद सेकंड में हल कर सकते हैं। यह तकनीक मेडिकल, रसायन विज्ञान, स्पेस स्टडी और AI जैसे क्षेत्रों में नए-नए आविष्कार के रास्ते खोल सकती है।
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क्या है सबसे बड़ी चुनौती
क्वांटम कंप्यूटिंग की सबसे बड़ी समस्या इसका क्यूबिट (qubit) है। इसका कैलकुलेशन तेज तो होता है लेकिन इसे स्थिर रखना मुश्किल होता है और कई बार स्टडी के दौरान देखा गया है कि यह अक्सर गलतियां करता है। Microsoft का कहना है कि Majorana 1 चिप में यह समस्या काफी हद तक हल हो गई है और यह दूसरे कंपनियों के चिप की तुलना में कम गलतियां करता है।
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Majorana 1 की खासियत
Microsoft का यह चिप करीब बीस साल की मेहनत के बाद तैयार हुआ है। इसकी क्षमता का रहस्य Majorana Fermion नामक एक दुर्लभ सब-एटॉमिक पार्टिकल में छिपा है, जिसकी खोज 1930 में हुई थी लेकिन इसका मिलना हमेशा से मुश्किल रहा है। इस चिप की डिजाइन में इसी पार्टिकल का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह ज्यादा स्थिर और बिना गलतियों के काम करने वाला माना जाता है।