वैज्ञानिकों ने पहली बार सौर मंडल के बाहर किसी दूर मौजूद तारे के चारों ओर जमी हुई बर्फ यानी क्रिस्टलीय बर्फ वाला पानी का स्पष्ट प्रमाण खोजा है। यह ऐतिहासिक खोज नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) की मदद से की गई है। यह खोज हमारे लिए बेहद अहम है क्योंकि यह सौरमंडल से बाहर पानी की मौजूदगी की संभावनाओं को और मजबूत करती है।
HD 181327: एक युवा तारा और उसका बर्फीला रहस्य
यह बर्फ एक तारे के चारों ओर घूम रही धूल की एक बेल्ट में पाई गई है, जिसे वैज्ञानिक HD 181327 नाम से जानते हैं। यह तारा पृथ्वी से करीब 155 लाइटईयर दूर है और इसकी उम्र 2.3 करोड़ वर्ष है, जो ब्रह्मांड के अन्य तारों के हिसाब से बहुत कम मानी जाती है। दिलचस्प बात यह है कि यह तारा हमारे सूर्य जैसा ही है लेकिन थोड़ा ज्यादा गर्म और भारी है।
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HD 181327 के चारों ओर एक ऐसा ढांचा देखा गया है जो हमारे सौरमंडल के 'काइपर बेल्ट' जैसा है। काइपर बेल्ट वह इलाका है जो नेपच्यून ग्रह के पार बर्फीले ग्रहों और पिंडों से भरा हुआ है। जेम्स वेब टेलीस्कोप की ताकतवर इंफ्रारेड आंखों ने HD 181327 के चारों ओर की धूल में एक अंतर देखा, जो यह दिखाता है कि वहां ग्रह बनने की प्रक्रिया चल रही है।
कैसे मिला बर्फ का सुराग?
यह ध्यान देने की बात है कि JWST ने बर्फ को सीधे नहीं देखा, बल्कि 'क्रिस्टलीय वॉटर आइस' यानी खास तरह से जमी हुई बर्फ का पता लगाया। यह वही बर्फ है जो हमारे सौर मंडल में सैर्टन रिंग और काइपर बेल्ट की चीजों में पाई जाती है। इस तरह की बर्फ खास तापमान और दबाव में बनती है और इसका अंदरूनी ढांचा बहुत व्यवस्थित होता है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि HD 181327 के आसपास की बेल्ट में नियमित रूप से बर्फीली वस्तुओं के टकराने से बहुत महीन बर्फ के कण बनते हैं। ये बारीक कण जेम्स वेब टेलीस्कोप द्वारा आसानी से देखे जा सकते हैं। इन टकरावों के कारण नए बर्फ कण बार-बार बनते रहते हैं, जिससे इतनी दूरी पर भी उन्हें पहचाना जा सकता है।
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आगे की खोज की दिशा
HD 181327 में मिली बर्फ के बाद वैज्ञानिक अब अन्य युवा तारों की ओर भी नजरें घुमा रहे हैं। उनका उद्देश्य यह पता लगाना है कि ब्रह्मांड के कितने हिस्सों में पानी की मौजूदगी है और वह कितनी आम बात हो सकती है। यह अध्ययन यह जानने में भी मदद करेगा कि जीवन के लिए जरूरी तत्व हमारे ब्रह्मांड में कितनी दूर-दूर तक फैले हैं।