पृथ्वी से 20 लाइट ईयर दूर एक नया ग्रह खोजा गया है, जिसे वैज्ञानिकों ने ‘सुपर-अर्थ’ (Super-Earth) कहा है। Astronomy and Astrophysics में प्रकाशित हुए इस खोज ने भविष्य में उन ग्रहों की खोज के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जहां जीवन की संभावनाएं हो सकता है।
यह ग्रह HD 20794 नाम के तारे के चक्कर लगाता है और उस तारे के तीन ग्रहों में से सबसे बाहरी ग्रह है। इसका एक चक्कर पूरा होने में 647 दिन लगता है, जो हमारे सौरमंडल में मंगल ग्रह की कक्षा से मिलती-जुलती है।
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'सुपर अर्थ' की खासियत
इस नए सुपर-अर्थ ग्रह की कक्षा गोल नहीं बल्कि अंडाकार आकार जैसा है, जिसे वैज्ञानिक Highly Eccentric Orbit कहते हैं यानी ग्रह की दूरी अपने तारे से लगातार बदलती रहती है। कभी यह तारे के बहुत पास आ जाता है, तो कभी बहुत दूर चला जाता है। जिस वजह से ग्रह के तापमान में बहुत बदलाव होता है।
जब ग्रह अपने तारे के पास आता है, तो वहां का तापमान शुक्र ग्रह जितना गर्म हो जाता है, जो जीवन के लिए बहुत कठिन है। हालांकि, जब यह तारे से दूर चला जाता है, तो इसकी दूरी पृथ्वी से सूर्य की दूरी की तुलना में लगभग दो गुना हो जाती है। इतनी दूरी पर तापमान इतना गिर जाता है कि इसका पानी भी जम सकता है। वैज्ञानिकों ने ऐसा अनुमान लगाया है कि यह तापमान का चक्र लगभग हर 300 दिन में दोहराता है और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अरबों सालों से चल रहा है।
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वैज्ञानिकों के लिए क्यों है यह खोज खास?
इस ग्रह की खोज के बाद HD 20794 स्टार सिस्टम को भविष्य में अंतरिक्ष में की जाने वाले खोज के लिए बहुत ही खास माना जा रहा है। साथ ही यह तारा बहुत शांत स्वभाव का है, यानी वहां ज्यादा रेडिएशन नहीं होता, जो जीवन के लिए अनुकूल वातावरण बना सकता है।
भविष्य में नासा का ‘हैबिटेबल वर्ल्ड्स ऑब्जर्वेटरी’ (Habitable Worlds Observatory) नाम का टेलीस्कोप ऐसे ग्रहों के वायुमंडल की स्टडी करेगा, ताकि वहां जीवन के संकेत खोजे जा सकें।