एलन मस्क की कंपनी SpaceX ने 12 अप्रैल 2025 की रात एक और Starlink सैटेलाइट मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह लॉन्च अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से हुआ। बता दें कि Falcon 9 रॉकेट को भारतीय समय अनुसार सुबह 06:23 लॉन्च पैड 39A से लॉन्च किया गया। यह रॉकेट 21 Starlink सैटेलाइट्स को लेकर पृथ्वी की निचली कक्षा की ओर बढ़ा।
रॉकेट के पहले चरण, जिसे बूस्टर B1083 कहा जाता है, ने उड़ान के लगभग ढाई मिनट बाद अपने नौ मर्लिन इंजनों को बंद कर दिया और ऊपरी चरण से अलग हो गया। इसके बाद यह बूस्टर वापस पृथ्वी की ओर लौटा और लगभग छह मिनट बाद 'A Shortfall of Gravitas' नाम के ड्रोनशिप पर सफलतापूर्वक लैंड किया। यह ड्रोनशिप अटलांटिक महासागर में स्थित थी।
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Starlink सैटेलाइट्स की खासियत
ऊपरी चरण ने रॉकेट की उड़ान को जारी रखते हुए 21 Starlink सैटेलाइट्स को निर्धारित कक्षा की ओर ले जाना शुरू किया। इन 21 सैटेलाइट्स में से 13 में 'डायरेक्ट टू सेल' तकनीक है।यह तकनीक मोबाइल फोन नेटवर्क के उन इलाकों में भी सिग्नल देने में सक्षम है जहां पर सामान्य टावर नहीं पहुंच सकते। अमेरिका में यह सर्विस खासकर T-Mobile के साथ साझेदारी में लाई जा रही है, जिससे लोगों को नेटवर्क की बेहतर सुविधा मिल सके।
लॉन्च के लगभग एक घंटे बाद, सभी सैटेलाइट्स को कक्षा में छोड़ दिया गया, जहां से वे धीरे-धीरे अपनी सही स्थिति में स्थापित होकर Starlink के नेटवर्क से जुड़ जाएंगे।
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Starlink नेटवर्क और इसका विस्तार
इस समय Starlink के 7,000 से अधिक सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में सक्रिय हैं। ये सैटेलाइट पृथ्वी की सतह के अधिकांश हिस्से को एक ग्रिड के रूप में कवर करते हैं, जिससे दुनियाभर में हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस मिलती है। लगभग पूरी दुनिया में यह सर्विस मौजूद है। इस साल 2025 में यह SpaceX का 42वां फाल्कन 9 लॉन्च मिशन था। इनमें से 28 मिशन खास तौर से Starlink सैटेलाइट्स को भेजने के लिए किए गए हैं।