करीब 9 महीने ISS पर फंसे रहने के बाद अंतिरक्ष यात्री Sunita Williams और बुच विलमोर व उनकी टीम पृथ्वी की पृथ्वी पर लौटने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसकी जिम्मेदारी एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स को दी गई थी। अब सवाल ये उठता है कि अगर कोई अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर फंस जाए, तो उन्हें सुरक्षित तरीके से वापस लाने की प्रक्रिया क्या होती है। इसे समझने के लिए हमें कुछ जरूरी बातों को सरल भाषा में समझना होगा।
तकनीकी खराबी आने पर क्या है होता है पहला काम?
जब किसी अंतरिक्ष यान में कोई तकनीकी खराबी आती है, जैसे कि Sunita Williams और Butch Willmore के मामले में हुआ, तब सबसे पहले NASA और दूसरे सहयोगी अंतरिक्ष एजेंसियां (जैसे कि रूस की Roscosmos) मामले की जाँच करती है। इसमें यह देखा जाता है कि खराबी कितनी ज्यादा है, क्या उस यान की मरम्मत संभव है या नहीं और क्या उस अंतरिक्ष यान का इस्तेमाल सुरक्षित तरीके से पृथ्वी पर लौटने के लिए किया जा सकता है।
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मिशन के लिए क्या होता है बैकअप प्लान?
सभी अंतरिक्ष मिशन के लिए हमेशा एक बैकअप प्लान तैयार रहता है। अंतिरक्ष यान से लौटना यदि संभव न हो, तो दूसरे सुरक्षित साधनों से वापसी की योजना बनाई जाती है। इस प्रक्रिया में SpaceX जैसी निजी कंपनियाँ भी NASA को तकनीकी सहायता देती हैं। Sunita Williams की वापसी में भी Elon Musk की कंपनी SpaceX की मदद ली गई है।
अगर खराब अंतरिक्ष यान से वापसी नहीं होती है, तो या तो नया यान भेजा जाता है या ISS पर पहले से मौजूद दूसरे यान से वापसी कराई जाती है। अंतरिक्ष स्टेशन पर हमेशा कम से कम एक ‘lifeboat’ की तरह यान मौजूद रहता है, ताकि आपातकाल में अंतरिक्ष यात्री उससे वापस आ सकें।
कैसे होती है वापसी की तैयारी?
जब वापसी का प्लान बन जाता है, तो अंतरिक्ष यात्री धीरे-धीरे वापसी की तैयारियाँ शुरू करते हैं। यह प्रक्रिया कई दिनों तक चल सकती है। इसमें अंतरिक्ष स्टेशन से सामान पैक करना, यान की सुरक्षा जांच करना, संचार प्रणालियों की पुष्टि और पृथ्वी पर उतरने की प्लानिंग शामिल होती है।
क्या होती है अनडॉकिंग?
ISS से वापसी के समय यान को ‘अनडॉक’ किया जाता है, यानी कि उसे स्टेशन से अलग किया जाता है। फिर वह अंतरिक्ष यान धीमे-धीमे पृथ्वी की ओर आने लगता है। इस यात्रा में लगभग 17 घंटे का समय लग सकता है। यात्रा के दौरान यान का कंप्यूटर और कंट्रोल सिस्टम गति और दिशा को नियंत्रित करते हैं ताकि सही जगह पर सुरक्षित लैंडिंग हो सके।
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क्या होता है रि-एंट्री और स्प्लैशडाउन?
पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय अंतिक्ष यान बहुत तेज रफ्तार से गर्म होता है। इसके लिए यान में heat shield होता है। वायुमंडल में प्रवेश के बाद यान पैराशूट की सहायता से धीरे-धीरे समुद्र में उतरता है। इसे ‘स्प्लैशडाउन’ कहा जाता है। सुनीता विलियम और उनकी क्रू टीम का मंगलवार को शाम 5:57 बजे (बुधवार को भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे) मैक्सिको की खाड़ी (ट्रंप प्रशासन द्वारा इसका नाम बदलकर अमेरिका की खाड़ी कर दिया गया है) में उतरने की उम्मीद है।
इसके बाद जहां यान उतरने वाला होता है, वहां पहले से बचाव दल और जहाज तैयार रहते हैं। जैसे ही यान समुद्र में उतरता है, बचाव दल तुरंत अंतरिक्ष यात्रियों को बाहर निकालता है और चिकित्सा जांच के लिए उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाता है।