सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म 'रोबोट' में एक किरदार होता है 'चिट्टी।' चिट्टी खुद में एक रोबोट होता है, जिसे हर काम में महारत हासिल होती है। फिल्म में रोबोट ने एक महिला का प्रसव करवाया था जिसे बड़े डॉक्टर भी नहीं करा पा रहे थे। फिल्म देखकर सबको यही लगा कि यह सब बस फिल्मी दुनिया तक ही सीमित है और असली जिंदगी में रोबोट किसी का इलाज और ऑपरेशन जैसे दिमागी काम नहीं कर सकता। दिल्ली के एक अस्पताल में रोबोट की मदद से डॉक्टर ने एक सफल ऑपरेशन किया। दिल की बीमारी और स्तन कैंसर से पीड़ित एक बांग्लादेशी महिला के 11 घंटे में 2 ऑपरेशन हुए। इन दोनों ऑपरेशनों में रोबोट ने अहम भूमिका निभाई है।
बांग्लादेश की एक महिला जहांआरा बेगम को अत्यधिक थकान, सांस लेने में तकलीफ और दाहिने स्तन से खून बहने और घाव में संक्रमण के कारण ओखला के 'फोर्टिस एस्कॉर्ट्स' अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस महिला की उम्र 72 साल थी जिस कारण डॉक्टरों को इसका इलाज करने में कई दिक्कतें आ रही थी। महिला दो गंभीर रोगों से पीड़ित थी जिस कारण डॉक्टरों को दोनों की सर्जरी एक साथ करने का फैसला लेना पड़ा।
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अस्पताल की ओर से जारी बयान के अनुसार, मेडिकल जांच में 3 प्रमुख दिल की धमनियों में गंभीर रुकावट तथा स्तन में अल्सरयुक्त और खून बहने वाले ट्यूमर का पता चला। कैंसर गंभीर स्टेज पर पहुंच गया था लेकिन दिल की बीमारी का इलाज किए बिना कैंसर की सर्जरी करना मुश्किल था। डॉक्टरों ने रोबोट की मदद से पहले दिल का ऑपरेशन किया और उसके बाद स्तन पर कैंसर से हुए घाव का ऑपरेशन किया।
रोबोट की मदद से हुआ ऑपरेशन
महिला के इलाज में मेडिकल टीम को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल के 'अडल्ट कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी'विभाग के निदेशक डॉ. ऋत्विक राज ने बताया, कि ये दोनों ही समस्याएं जानलेवा थीं जिसके कारण मेडिकल टीम ने संयुक्त ऑपरेशन करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, 'हमने रोबोट की सहायता से सर्जरी करने का फैसला किया जिसके कारण हम पारंपरिक 'ओपन-हार्ट सर्जरी' के बजाय छोटा चीरा लगाकर बाईपास ऑपरेशन कर सके। इसके कारण मरीज को कम परेशानी हुई और उसके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ।'
पहले दिल फिर कैंसर का ऑपरेशन
महिला को कैंसर था जो गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका था। उसके स्तन में घाव हो गया था और खून बहने लगा था। जिसके बाद उसको अस्पताल में भर्ती करवाया गया था लेकिन उसका कैंसर का ऑपरेशन नहीं हो सकता था क्योंकि मेडिकल जांच में पता चला था कि उसके दिल की 3 मुख्य धमनियों में रुकावट है। मेडिकल टीम ने दोनों का इलाज एक साथ करने का फैसला लिया। पहले महिला के दिल में रोबोट की मदद से छोटा चीरा लगाकर बाईपास सर्जरी की और उसी समय डॉ. अर्चित पंडित और डॉ. विनीत गोयल के नेतृत्व में कैंसर विशेषज्ञ टीम ने कैंसरग्रस्त स्तन के घाव और पास की छोटी ग्रंथियों (लिम्फ नोड) को निकाल दिया, जो शरीर में तरल पदार्थ का शोधन कर हानिकारक पदार्थों को निकालने में मदद करती हैं।
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'सर्जिकल ऑन्कोलॉजी' विभाग (कैंसर संबंधी विभाग) के निदेशक डॉ. अर्चित पंडित ने कहा, 'मरीज का कैंसर गंभीर चरण में पहुंच गया था और लगातार खून बह रहा था लेकिन हृदय संबंधी समस्या के कारण केवल कैंसर की सर्जरी करना असंभव था।' मेडिकल टीम ने दोनों ही ऑपरेशन एक साथ किए और दोनों ही सफल रहे। इसके बाद मेडिकल टीम ने बताया कि 12 मई को किए गए इस ऑपरेशन में लगभग 11 घंटे लगे और मरीज को 12 दिन बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।