आंध्र प्रदेश की जाह्नवी डांगेती ने 23 साल की उम्र में अंतरिक्ष यात्री बनने की दिशा में पहले और महत्वपूर्ण पड़ाव को पार कर लिया है। जाह्नवी डांगेती को 'टाइटन्स स्पेस मिशन' के लिए Astronaut Candidate (ASCAN) के रूप में चुना गया है। वह एक पांच घंटे लंबे ऑर्बिटल मिशन में हिस्सा लेंगी, जो साल 2029 में होगा। इस मिशन में वह दो बार पृथ्वी के चक्कर लगाएंगी और साथ ही दो बार सूर्योदय व दो बार सूर्यास्त का अनोखा नजारा अंतरिक्ष से देख पाएंगी।
क्या है टाइटन्स स्पेस मिशन?
जाह्नवी ने इस मौके पर खुशी जताते हुए अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा कि वह इस अवसर को पाकर बहुत सम्मानित और रोमांचित महसूस कर रही हैं। इस मिशन में उन्हें Zero Gravity में 3 घंटे तक रहना होगा, जो वैज्ञानिक स्टडी और मानव अंतरिक्ष उड़ानों के भविष्य के लिए बहुत ही जरूरी साबित होगा।
इस मिशन का नेतृत्व एक अनुभवी अंतरिक्ष यात्री और अमेरिकी सेना के रिटायर्ड कर्नल विलियम मैकआर्थर जूनियर करेंगे, जो इस समय टाइटन्स स्पेस के मुख्य अंतरिक्ष यात्री हैं। जाह्नवी 2026 से तीन साल तक एक्सपर्ट ट्रैनिंग लेंगी। इस ट्रेनिंग में अंतरिक्ष यान की प्रणाली, फ्लाइट सिमुलेशन, चिकित्सा परीक्षण और मानसिक तैयारी शामिल होगी।
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जाह्नवी डांगेती कौन हैं?
आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी जिले के पलकोल्लू शहर में जन्मी जाह्नवी डांगेती को बचपन से अंतरिक्ष और ग्रहों के बारे में जानने की रुची थी। इसके बाद उन्होंने इसी दिशा में मेहनत की और स्पेस से जुड़े कई प्रोग्राम में भाग भी लिया।
जाह्नवी इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी हैं। वह पहले भी जीरो ग्रैविटी ट्रेनिंग, हाई एल्टीट्यूड मिशन, स्पेस सूट ऑपरेशन और ग्रहों की सतह पर सिमुलेशन ट्रेनिंग जैसी कई प्रोग्राम में भाग ले चुकी हैं। वह नासा के इंटरनेशनल एयर एण्ड स्पेस प्रोग्राम में चुनी जाने वाली पहली भारतीय भी रही हैं।
जाह्नवी ने इस पर कहा- 'यह मिशन सिर्फ मेरा नहीं है, यह उन सभी युवाओं के लिए है जो ऊपर आसमान को देखते हैं और असंभव को संभव बनाने का सपना देखते हैं।'