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कई देशों में DeepSeek और ChatGPT पर प्रतिबंध, क्या है इसकी वजह

AI के बढ़ती मांग के बीच कई देश ऐसे हैं, जिन्होंने इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। आइए जानते हैं, ChatGPT और DeepSeek पर लगे बैन के पीछे का कारण।

Image of AI Ban

सांकेतिक चित्र।(Photo Credit: Freepik)

जैसे-जैसे लोगों की निर्भरता AI टूल्स पर बढ़ रही है, वैसे ही देश और दुनिया की सरकारें भी AI टूल्स पर कड़ी नजर रखी हुई हैं। जहां एक तरफ भारतीय वित्त मंत्रालय ने अपने अधिकारीयों से AI टूल्स के इस्तेमाल से बचने का सुझाव दिया था, वहीं कई देशों ने चीनी AI टूल DeepSeek और अमेरिकी टूल ChatGPT पर बैन लगा दिया है। इन देशों का कहना है कि ऐसा राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा की चोरी व इनका गलत इस्तेमाल होने के संदेह की वजह से किया गया है।

डीपसीक पर लगाए गए आरोप

कुछ देशों ने DeepSeek पर आरोप लगाया है कि यह यूजर्स की संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करता है और उन्हें चीन में अलग-अलग सर्वर पर भेजता है। इससे यूजर्स की निजी और गोपनीय जानकारी के गलत इस्तेमाल का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, डीपसीक पर चीनी सेंसरशिप कानूनों का पालन करने का भी आरोप है, जिससे यह आशंका भी जताई जाती है कि यह टूल यूजर्स की जानकारी को चीनी सरकार के साथ साझा कर सकता है।

 

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इन आरोपों के चलते, कई देशों ने डीपसीक को बैन किया गया है। उदाहरण के लिए, ऑस्ट्रेलिया ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण सरकारी सिस्टम और गैजेट्स में डीपसीक के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इसी तरह, इटली ने डेटा सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं की वजह से डीपसीक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। अमेरिका में भी, डीपसीक के इस्तेमाल को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित चिंताएं व्यक्त की गई हैं।

क्यों कुछ देशों में ChatGPT है बैन?

कुछ देशों ने ChatGPT पर प्रतिबंध लगा दिया है, और इसके पीछे कई कारण हैं। इन देशों में इटली, चीन, रूस और ईरान जैसे देश शामिल हैं। 

 

इटली: इटली ने ChatGPT पर प्रतिबंध लगाने का फैसला इसलिए किया क्योंकि उन्हें लगा कि यह यूजर्स की निजी जानकारी को सही तरीके से सुरक्षित नहीं रखता है। इटली की डेटा सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि ChatGPT ने यूरोपीय संघ के डेटा संरक्षण कानून (GDPR) का उल्लंघन किया है। उन्हें चिंता थी कि यह टूल बिना यूजर्स की सहमति के उनके डेटा को इकट्ठा कर सकता है।

 

चीन: चीन ने ChatGPT पर प्रतिबंध लगा दिया है क्योंकि वह अपने देश में एआई टेक्नोलॉजी को नियंत्रित करना चाहता है। चीन की सरकार को डर है कि ChatGPT जैसे टूल्स का इस्तेमाल करके लोग सरकार के खिलाफ गलत जानकारी फैला सकते हैं। इसके अलावा, चीन अपने नागरिकों के डेटा को विदेशी कंपनियों के साथ साझा नहीं करना चाहता।

 

रूस और ईरान: रूस और ईरान जैसे देशों ने भी ChatGPT पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन देशों को चिंता है कि यह टूल उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। उन्हें डर है कि इसका इस्तेमाल करके लोग सरकार के खिलाफ गलत जानकारी फैला सकते हैं या अवैध गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं।

 

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क्या ChatGPT निजी जानकारी का इस्तेमाल करता है?

ChatGPT एक एआई मॉडल है जो यूजर्स के सवालों के जवाब देने के लिए डेटा का इस्तेमाल करता है। हालांकि, OpenAI ने कहा है कि वह यूजर्स की निजी जानकारी को सुरक्षित रखने की कोशिश करता है। फिर भी, कुछ मामलों में यह संभव है कि यूजर्स की जानकारी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

किन देशों में बैन है DeepSeek?

बीते महीने इटली ने चीन की AI कंपनी DeepSeek पर बैन लगाया था। इटली के साथ ताईवान, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया भी DeepSeek के इस्तेमाल पर बैन लगा चुके हैं। इनमें से कुछ देशों ने यह आरोप लगया कि DeepSeek लोगों का डाटा चीनी सरकार को भेज रही है। साथ ही कुछ देशों ने अपने नागरिकों के डाटा के गलत इस्तेमाल होने की आशंका जताई है।

किन देशों में बैन है ChatGPT?

वहीं रूस, चीन, ईरान, उत्तर कोरिया, क्यूबा और सीरिया में ChatGPT पर प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें से कुछ देशों ने AI से बढ़ने वाले खतरों को ध्यान में रखकर बैन लगाया है। वहीं चीन खुद की AI तकनीक को दुनियाभर में विस्तार करने पर जोर दे रहा है और अमेरिका व चीन के रिश्ते जगजाहिर हैं, जो इस प्रतिबंध के पीछे भी बड़ा कारण हो सकते हैं।

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