हिमाचल प्रदेश में एक जिला है सोलन। यहां एक छोटा हिल स्टेशन है, कसौली। अगर हिमाचल आए और यहां नहीं आए तो क्या खाक हिमाचल आए। पहाड़ी वादियों, झरनों, ऐतिहासिक इमारतों और ब्रिटिश कॉलोनियों के पुराने निशानों से भरा पड़ा ये शहर हर किसी को बेहद पसंद आता है।
यहां का माल रोड, पूरे देश में बहुत फेमस है। यहां के स्थानीय लोग भी पर्यटन की वजह से तगड़ी कमाई करते हैं और छोटे-छोटे हथकरघा उद्योगों के कलाकारों को बड़ा मौका मिल जाता है। यहां अखरोट बेचकर भी लोग तगड़ी कमाई करते हैं। ये तो सिर्फ शुरुआती झलक है, आइए घूमते हैं इस शहर का हर कोना, जानते हैं इसकी ऐतिहासिक विरासत और इतिहास-भूगोल और बनने की कहानी।
कस्बा लोकल लेकिन पहचान ग्लोबल
कसौली, हिमाचल प्रदेश का एक छोटा सा कस्बा है लेकिन इसकी पहचान ग्लोबल है। ब्रिटिश राज में साल 1842 के आसपास अंग्रेजों की इस कस्बे पर नजर पड़ी और उन्होंने इस शहर का हुलिया बदल दिया। यह अंग्रेजों का पसंदीदा हिल स्टेशन बन गया। यह सोलन शहर से सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी पर है।
कैसा है कसौली का मौसम
कसौली में घूमने की कई जगहें हैं, जिन्हें देखने लोग आते हैं। यहां का मौसम बेहद खूबसूरत होता है। यहां सर्दियों में तापमान 1 डिग्री तक पहुंच जाता है, वहीं गर्मियों में अधिकतम तापमान 32 डिग्री तक जाता है। यहां सालभर पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। कसौली में ही सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRI) भी है, जिसे साल 1904 में स्थापित किया गया था। इम्युनोलॉजी और वॉयरोलॉजी में यह संस्थान उल्लेखनीय काम करता है।
कसौली में क्या-क्या है खास
कसौली का बैप्टिस्ट चर्च बहुत खास है। साल 1923 में इसे ईंट और लकड़ियों की मदद से तैयार किया गया था। यह सदर बाजार के पास है। ब्रिटिश काल में बना यह चर्च, बेहद खूबसूरत है। यहां इसे देखने पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
क्राइस्ट चर्च
यह शहर, अंग्रेजों का शहर रहा है, इसलिए यहां चर्च खूब हैं। यहां का क्राइस्ट चर्च भी बेहद खूबसूरत है। यह बेहद पुराना चर्चा है, जिसे 1853 में बनाया गया था।
कसौली में और कहां घूमें?
यहां सर्किट हाउस, गुरुनानक गुरुद्वारा और कसौली क्लब भी है। कसौली क्लब को साल 1880 में स्थापित किया गया था। इसे भी अंग्रेजों ने बनाया था। यहां एक नहरी मंदिर भी है। यह दुर्गा मां और भगवान शिव का मंदिर है। इसे जंतर मंतर और छू मंतर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां के मंकी पॉइंट के पास एक हनुमान मंदिर भी है। कसौली में बेजा स्टेट और महलोग स्टेट भी है, जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। ये पुरानी इमारते हैं, जिस पर अतीत के गहरे निशान छिपे हैं।
पौराणिक है ये शहर
कसौली पौराणिक भी है। ऐसी मान्यता है कि जब त्रेता युग में भगवान राम के भाई लक्ष्मण, रावण के बेटे मेघनाद के बाण से घायल होकर युद्ध में मूर्छित हो गए थे, तब हनुमान भगवान उनके लिए द्रोणगिरी पर्वत ही उखाड़ लाए थे। सुषेण वैद्य ने उन्हें संजीवनी बूटी उखाड़ने के लिए कहा था, वे पूरा पर्वत ही उठा लाए थे। जब वे पर्वत लेकर उड़े तो उनका एक पैर लड़खड़ाया और ही पैर उन्होंने कसौली पर रख दिया। कसौली का आकार भी पैर की तरह ही है। जहां भगवान हनुमान ने पांव रखे थे, उस जगह को मंकी पॉइंट भी कहते हैं।
कैसे पहुंचे कसौली?
कसौली पहुंचने के लिए सबसे आप पंजाब का रास्ता भी चुन सकते हैं। पहले चंडीगढ़ या अंबाला कैंट उतरिए। यहां से 94 किलोमीटर की दूरी पर कसौली है, जिसके लिए आप को बस मिल सकती है। आप शिमला भी जा सकते हैं, शिमला से कसौली की दूरी 65 किलोमीटर है।