हाईवे पर अपने वाहन से सफर करने वाला हर व्यक्ति फास्टैग का प्रयोग करता है। नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने फास्टैग बैलेंस वैलिडेशन नियमों को लेकर नई घोषणा की है. इसे 17 फरवरी से लागू किया जाएगा। इसे जानना सभी के लिए जरूरी है।
इन नियमों के जरिए टोल प्लाजा पर होने वाले ट्रांजेक्शन और धोखाधड़ी की एक्टिविटी को खत्म करने का उद्देश्य है। इसलिए सभी के लिए यह जानना काफी जरूरी है ताकि टोल प्लाजा पर दिक्कत का सामना न करना पड़े.
FASTag से जुड़े नए नियम 28 जनवरी 2025 को जारी किए गए हैं।
क्या हैं नए नियम
1. अगर टोल प्लाजा पर फास्टैग को स्कैन किए जाने के एक घंटे पहले तक फास्टैग ब्लैक लिस्ट रहा है या फिर हॉट लिस्ट में डाला गया हो या फिर टोल बूथ पर पहुंचने के पहले तक कम बैलेंस दिखाता रहा हो तो ट्रांजेक्शन नहीं होगा।
2. अगर फास्टैग स्कैन किए जाने के 10 मिनट बाद तक फास्टैग ब्लैकलिस्ट रहेगा तो भी ट्रांजेक्शन को रिजेक्ट कर दिया जाएगा. इन दोनों ही स्थितियों में ट्रांजेक्शन नहीं हो पाएगा और सिस्टम एरर 176 दिखाएगा और दोगुना टोल देना पड़ेगा।
कब हो सकता है ब्लैकलिस्ट
फास्टैग दो कैटेगरी के होते हैं- व्हाइडलिस्टेड (ऐक्टिव) और ब्लैकलिस्टेड (इनऐक्टिव), तो अगर कुछ खास नियमों का पालन नहीं किया तो आपका फास्टैग ब्लैक लिस्ट हो सकता है।
- कम बैलेंस।
- केवाईसी वेरीफिकेशन न होने पर।
- वाहन के रजिस्ट्रेशन डीटेल में विसंगति होने पर।
इस रिवाइज्ड सिस्टम के बाद फास्टैग यूजर्स अंतिम समय में रिचार्ज करने पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। साथ ही अगर ट्रांजेक्शन के 10 मिनट के भीतर अगर वे फास्टैग को रिचार्ज कर लेते हैं तो पेनाल्टी से बच सकते हैं।
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क्या करना है जरूरी
पेनाल्टी से बचने के लिए फास्टैग यूजर्स को कुछ खास कदम उठाने की जरूरत है-
- टोल प्लाजा पर पहुंचने के पहले बैलेंस चेक करें और उचित बैलेंस रखें।
- ब्लैक लिस्टिंग से बचने के लिए केवाईसी डीटेल को लगातार अपडेट करते रहें।
- लंबी यात्रा के पहले कोशिश करें फास्टैग को रिचार्ज कर लें ताकि इस तरह की परेशानी से बचा जा सके।
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