जिस तरह टेक एडवांस हो रहा है, उसी तरह AI भी अपने-आप विकसित कर रहा है। कई इसे अच्छा बताते हैं तो कुछ इससे जुड़े खतरों के बारे में भी आगाह करते हैं। हाल ही में AI से एक और गंभीर मामला सामने आया है जिसमें कुछ लोगों ने AI टूल जैसे ChatGPT का इस्तेमाल करके फर्जी आधार और पैन कार्ड जैसे पहचान पत्र बनाए हैं। सोशल मीडिया पर इन नकली दस्तावेजों की तस्वीरें तेजी से वायरल हुई हैं, जिससे देश में डिजिटल सुरक्षा और AI के दुरुपयोग को लेकर चिंता बढ़ गई है।
कैसे बन रहे हैं फर्जी दस्तावेज
एक रिपोर्ट के अनुसार, ChatGPT जैसे एआई टूल से आधार कार्ड की तरह दिखने वाली तस्वीरें तैयार की जा सकती हैं। ये कार्ड दिखने में असली जैसे लगते हैं लेकिन इनमें लिखे नाम, नंबर और अन्य जानकारी गड़बड़ होती है। हालांकि इनमें असली आधार या पैन नंबर नहीं होते लेकिन उनकी तस्वीरें इतनी असली लगती हैं कि धोखा देना आसान हो सकता है।
सुरक्षा पर खतरा और सोशल मीडिया पर बहस
इस बारे में सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। एक यूजर ने लिखा, 'ChatGPT तुरंत फर्जी आधार और पैन कार्ड बना सकता है, जो एक बड़ी सुरक्षा समस्या है। इसलिए AI पर कुछ हद तक नियंत्रण जरूरी है।'
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असली आधार और पैन कार्ड की पहचान कैसे करें
बता दें कि सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले असली आधार कार्ड में 12 अंकों की एक यूनिक पहचान संख्या होती है, जो हर भारतीय को अलग-अलग मिलती है। आधार में व्यक्ति की बायोमेट्रिक और व्यक्तिगत जानकारी दर्ज होती है। असली आधार कार्ड की पहचान के लिए सिक्योर QR कोड जरूरी सुरक्षा फीचर होता है।
यह QR कोड UIDAI द्वारा डिजिटल साइन्ड होता है और इसमें व्यक्ति की फोटो और डेमोग्राफिक जानकारी होती है। इसे UIDAI के आधिकारिक ऐप से स्कैन करके तुरंत असली या नकली का पता लगाया जा सकता है।
इसी तरह, पैन कार्ड भी एक 10 अंकों का यूनिक कोड होता है जो भारत के हर टैक्सपेयर्स को दिया जाता है। इसमें एक सुरक्षित QR कोड होता है जिसमें एन्क्रिप्टेड जानकारी होती है और इसे सिर्फ अधिकृत स्कैनर से ही पढ़ा जा सकता है।
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सरकार की तैयारी और तकनीकी उपाय
UIDAI ने आधार कार्ड की सुरक्षा को और मजबूत करते हुए नया सिक्योर QR कोड जारी किया है। पहले इसमें सिर्फ व्यक्तिगत जानकारी होती थी लेकिन अब इसमें फोटो भी होती है और यह पूरी तरह डिजिटल साइन्ड होता है। इससे कोई भी फ्रॉड तुरंत पकड़ में आ जाता है।