नौकरी के नाम पर न हो जाएं साइबर क्राइम के शिकार, ऐसे बचें
यूटिलिटी
• NEW DELHI 02 Apr 2025, (अपडेटेड 02 Apr 2025, 12:24 PM IST)
नौकरी की तलाश में लोग कई बार साइबर क्राइम के शिकार भी हो जाते हैं। आइए जानते हैं साइबर अपराध के नए तरीके और इनसे कैसे बचा जाए।

सांकेतिक चित्र(Photo Credit: Freepik)
आज के डिजिटल युग में नौकरी की तलाश के लिए ज्यादातर युवा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, जहां डिजिटल काम होता है, वहां साइबर अपराधी मौके फायदा उठाने के फिराक में रहते हैं और धोखा देने के नए-नए तरीके ढूंढते हैं। भारत में हर साल हजारों लोग फर्जी जॉब ऑफर, फिशिंग, डेटा चोरी और ऑनलाइन ठगी का शिकार हो जाते हैं। हम आपको जॉब से जुड़े साइबर क्राइम के तरीके और इनसे बचने के उपाय विस्तार से बताएंगे।
भारत में जॉब से जुड़े साइबर साइबर
बता दें कि साइबर अपराधी नकली कंपनियों के नाम से ईमेल, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर लोगों को जॉब ऑफर भेजते हैं। वे बड़े पैकेज, विदेश में नौकरी या जल्दी जॉइनिंग का लालच देकर उम्मीदवारों से पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। कई बार वे फर्जी वेबसाइट या नकली इंटरव्यू लेकर लोगों के डेटा को भी चुरा लेते हैं।
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कैसे बचें?
किसी भी जॉब ऑफर को लेने से पहले कंपनी का वेबसाइट या किसी लोकप्रिय ऐप या साइट चेक करें कि वास्तव में कोई जॉब ओपनिंग है या नहीं। कोई यदि नौकरी देने के बदले पैसे मांगे, तो यह धोखाधड़ी हो सकती है। इसके साथ कंपनियों के आधिकारिक ईमेल (.com, .in, .org) से आए ऑफर पर ही भरोसा करें।
ऑनलाइन डेटा चोरी और फिशिंग अटैक
फर्जी नौकरी के नाम पर साइबर अपराधी उम्मीदवारों से आधार कार्ड, बैंक डिटेल्स, पासपोर्ट और अन्य निजी दस्तावेज मांगते हैं। कई मामलों में फिशिंग वेबसाइट का इस्तेमाल कर लोगों की निजी जानकारी चुरा ली जाती है। इसके बाद इस डेटा को गलत कामों के लिए बेचा या इस्तेमाल किया जाता है।
कैसे बचें?
कभी भी किसी अनजान जॉब पोर्टल पर अपनी निजी जानकारी अपलोड न करें। अगर कोई कंपनी बिना कारण दस्तावेज मांग रही है, तो पहले उसकी सच्चाई जांचें। साथ ही जब कंपनी के आधिकारिक मेल से कोई ऑफर लेटर न आए तब तक डाक्युमेन्ट न भेजें। हमेशा वेबसाइट के URL में ‘https://’ और लॉक आइकन देखें, जिससे पता चले कि वेबसाइट सुरक्षित है।
जॉब स्कैम कॉल्स और मैसेज फ्रॉड
कई बार लोगों को फर्जी कॉल्स या मैसेज आते हैं, जिनमें बताया जाता है कि उनका जॉब सेलेक्शन हो गया है। इसके बदले वे रजिस्ट्रेशन फीस, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन फीस या सिक्योरिटी डिपॉजिट मांगते हैं तो सतर्क हो जाएं। कई बार साइबर अपराधी फेक जॉब एजेंसी बनाकर लोगों से पैसे लेकर गायब हो जाते हैं।
कैसे बचें?
असली कंपनियां जॉब देने के लिए कभी भी पैसे नहीं मांगती। अनजान नंबरों से आने वाले कॉल्स और मैसेज को सावधानी से जांचें। गूगल पर कंपनी के नाम और ‘fraud’ लिखकर सर्च करें, ताकि पता चले कि इसपर कोई शिकायत दर्ज है या नहीं।
वर्क-फ्रॉम-होम स्कैम और फेक ऑनलाइन जॉब
कई वेबसाइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर घर बैठे लाखों कमाने के फर्जी ऑफर दिए जाते हैं। इनमें पार्ट-टाइम जॉब, डेटा एंट्री, कैप्चा फिलिंग और एड पोस्टिंग जैसे काम के बदले पैसे मांगे जाते हैं। काम देने के बाद अपराधी या तो पैसे लेकर गायब हो जाते हैं या उम्मीदवार को पेमेंट नहीं करते।
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फर्जी इंटरव्यू और रिक्रूटमेंट एजेंसी स्कैम
कुछ अपराधी खुद को HR या रिक्रूटर बताकर जॉब इंटरव्यू की पेशकश करते हैं। वे उम्मीदवारों से इंटरव्यू से पहले रजिस्ट्रेशन फीस, वीजा फीस या प्रोसेसिंग चार्ज मांगते हैं। कई मामलों में इंटरव्यू होता ही नहीं और लोगों के पैसे ठग लिए जाते हैं।
कैसे बचें?
हमेशा कंपनी के ऑफिसियल करियर पेज पर जाकर आवेदन करें। अगर कोई एजेंसी बहुत ज्यादा पैसे चार्ज कर रही है, तो सावधान रहें।
साइबर क्राइम से बचने के लिए जरूरी उपाय
सुरक्षित वेबसाइटों का उपयोग करें – नौकरी के लिए सिर्फ LinkedIn, Naukri.com, Indeed और Monster जैसी प्रमाणिक वेबसाइटों पर ही अप्लाइ करें। इसके साथ पर्सनल डेटा शेयर करने से बचें – बैंक डिटेल्स, पासपोर्ट नंबर, आधार कार्ड जैसी गोपनीय जानकारी किसी अज्ञात व्यक्ति या वेबसाइट पर न दें। अगर कोई जॉब ऑफर बहुत अच्छा लगता है या तुरंत सेलेक्शन की बात करता है, तो पहले उसकी जांच करें।
असली और नकली वेबसाइट की पहचान करें – किसी भी कंपनी की असली वेबसाइट हमेशा "https://" से शुरू होती है और उसके URL में गड़बड़ियां नहीं होती। साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत करें- अगर आपको किसी जॉब फ्रॉड का शिकार बनाया गया है, तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत करें या https://cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।
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